13 June 2025
Soma Roy
अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, जबकि प्लेन में 242 लोग सवार थे. ऐसे में सवाल उठता है कि प्लेन क्रैश में जान गंवाने वालों या घायल होने पर कितना इंश्योरेंस मिलता है और इसके नियम क्या है, आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे.
प्लेन क्रैश में सामान या यात्रियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1999 में मॉन्ट्रियल कन्वेंशन नियम बनाए गए. इसमें हवाई यात्रियों के नुकसान और मुआवजे के नियम तय किए गए. भारत ने इसे 2009 में अपनाया.
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत, विमान हादसे में यात्री की मौत पर एयरलाइंस को मुआवजा देना होता है. यह राशि तय होती है.
एयरलाइंस की जिम्मेदारी
हर मृत यात्री के लिए एयरलाइंस को 1,28,821 एसडीआर (लगभग 1.4 करोड़ रुपये) देना होगा. गंभीर घायलों को भी मुआवजा मिलता है.
मुआवजे की राशि कितनी
स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) इंटरनेशनल मोनेटरी फंड की कृत्रिम मुद्रा है. यह वैश्विक मुद्रा कन्वर्टर की तरह काम करती है.
एसडीआर क्या है
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के नियमों के तहत, विशेष परिस्थितियों में मुआवजे की राशि को बढ़ाया भी जा सकता है.
मुआवजा बढ़ सकता है
अगर यात्री के पास ट्रैवल इंश्योरेंस है, तो मृत्यु पर 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक और गंभीर चोट पर 5-10 लाख रुपये मिल सकते हैं.
ट्रैवल इंश्योरेंस का लाभ
ट्रैवल इंश्योरेंस में अस्पताल में भर्ती होने पर डेली अलाउंस भी मिलता है, जो इलाज के खर्च में मदद करता है.
अस्पताल खर्च और डेली अलाउंस
सामान्य तौर पर सरकार विमान हादसों में मुआवजा नहीं देती. लेकिन राष्ट्रीय आपदा जैसे बड़े मामलों में सरकार मुआवजा दे सकती है.
क्या सरकार देती है मुआवजा?