01 July, 2025
Kumar Saket
भारत में फैक्ट्री हादसों के सरकारी आंकड़े (2013–2022) बताते हैं कि समय के साथ हादसों की संख्या घटी है, पर अब भी कई मौतें और चोटें हर साल होती हैं. इन हादसों में हर साल मौतें और सैकड़ों मजदूर घायल हो रहे हैं, जिससे सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत उजागर होती है.
2013 में भारत में रजिस्टर्ड फैक्ट्रियों में करीब 1,343 खतरनाक घटनाए दर्ज हुईं, जिनमें कई मौतें और सैकड़ों मजदूर घायल हुए.
2014 में खतरनाक घटनाओं की संख्या बढ़कर लगभग 1,534 तक पहुंची, जिससे उस साल हादसों की गंभीरता और बढ़ गई.
2014
2015 में हादसों की संख्या घटकर लगभग 1,091 रह गई. इसके बाद से लगातार दुर्घटनाओं में गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ.
2016 में 700, 2017 में लगभग 1,382 और 2018 में लगभग 1,124 घटनाएं दर्ज हुईं, पर मौतें और चोटें फिर भी जारी रहीं.
2019 में लगभग 634 घटनाएं, 2020 में करीब 1,058 और 2021 में फिर लगभग 1,014 घटनाएं दर्ज की गईं.
2022 में सबसे कम दुर्घटनाएं रिपोर्ट की गईं. हालांकि कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने आंकड़े नहीं भेजे, जिससे पूरी तस्वीर साफ नहीं है.