28 June 2025
VIVEK SINGH
रसोई गैस सिलेंडर भी एक्सपायर होते हैं. एक्सपायर सिलेंडर में गैस भरने पर वह दबाव नहीं सह पाते और ब्लास्ट की संभावना बढ़ जाती है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है.
सिलेंडर की एक्सपायरी डेट उसके ऊपरी हिस्से पर होती है. तीन पट्टियों में से एक पर A-23, B-24 जैसे कोड लिखे होते हैं जो एक्सपायरी को दर्शाते हैं.
कहां लिखी होती है एक्सपायरी डेट
A का मतलब जनवरी से मार्च, B अप्रैल से जून, C जुलाई से सितंबर और D अक्टूबर से दिसंबर. यह सिलेंडर के तिमाही उपयोग की समयसीमा बताता है.
A, B, C, D का क्या है मतलब
A, B, C या D के आगे जो संख्या होती है वह साल दर्शाता है. जैसे C-25 का मतलब जुलाई से सितंबर 2025 तक वैध है.
साल कौन सा होता है एक्सपायरी का
हर एलपीजी ग्राहक को कंपनियों की तरफ से इंश्योरेंस कवर मिलता है. हादसे में जान-माल के नुकसान पर 50 लाख रुपये तक का क्लेम मिल सकता है.
क्या सिलेंडर का इंश्योरेंस होता है
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम अपने डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस देती हैं. ये ICICI लोम्बार्ड द्वारा कवर किया जाता है.
कौन सी कंपनियां देती हैं यह कवर
अगर आप एक्सपायरी डेट वाला सिलेंडर इस्तेमाल करते हैं तो इंश्योरेंस क्लेम मान्य नहीं होगा. इसलिए सिलेंडर लेते समय डेट जरूर चेक करें.
इंश्योरेंस क्लेम का एक्सपायरी डेट से रिश्ता
हादसे की सूचना 30 दिन में पुलिस और डिस्ट्रीब्यूटर को दें. FIR, मेडिकल रिपोर्ट, खर्च की डिटेल और मृत्यु होने पर डेथ सर्टिफिकेट देना जरूरी होता है.
कैसे करें इंश्योरेंस क्लेम