26 June 2025
Satish Vishwakarma
अगर इस मानसून कुछ ऐसा उगाना चाहते हैं जो सिर्फ हरा-भरा ही न हो, बल्कि सेहत और स्वाद दोनों का खज़ाना भी दे, तो जामुन उगाने का विचार जरूर करें. ये फल दिखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसके फ़ायदे असाधारण हैं. चलिए जानते हैं.
भारत में राजामुन, जंगली जामुन और बीजरहित जामुन जैसी किस्में मिलती हैं. घर पर लगाने के लिए बीजरहित या बौनी किस्में ज़्यादा बेहतर होती हैं. अपने नजदीकी नर्सरी या कृषि केंद्र से अपने इलाके के लिए उपयुक्त किस्म की जानकारी लें.
सही किस्म चुनें
जामुन को धूप बहुत पसंद है. ऐसा स्थान चुनें जहाँ रोज़ कम से कम 6–8 घंटे की सीधी धूप मिले. अगर गमले में लगा रहे हैं, तो उसे बालकनी या छत पर रखें जहाँ तेज़ हवा न आए.
धूप वाली जगह चुनें
हल्की अम्लीय से न्यूट्रल pH वाली दोमट (loamy) मिट्टी सबसे बेहतर है. बगीचे की मिट्टी में थोड़ी खाद और रेत मिलाकर अच्छी जलनिकासी वाली मिट्टी तैयार करें.
मिट्टी का सही चुनाव
आप चाहे तो जामुन के बीज सुखाकर 10–15 दिन में बो सकते हैं. लेकिन जल्दी फल चाहिए तो नर्सरी से कलमी या ग्राफ़्टेड पौधा लें, जो 4–5 साल में फल देता है. बीज से लगे पेड़ को फल आने में 8–10 साल लगते हैं.
बीज या पौधे से शुरुआत करें
अगर ज़मीन में लगा रहे हैं तो 1x1x1 फीट का गड्ढा खोदें. पौधे को ध्यान से रखें, उसमें खाद-मिट्टी डालें और अच्छी तरह पानी दें. गमले के लिए कम से कम 18 इंच गहरा और चौड़ा गमला लें जिसमें नीचे पानी निकासी के लिए छेद ज़रूरी हों.
सही गहराई पर लगाएं
मानसून में बारिश काफी होती है, इसलिए अतिरिक्त पानी की ज़रूरत नहीं होती. सूखे दिनों में हर 3–4 दिन में गहराई तक पानी दें. ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जमा न हो.
पानी देने में सावधानी रखें
जून से सितंबर के बीच हर दो महीने में गोबर खाद या ऑर्गेनिक कंपोस्ट डालें. साल में एक बार NPK (10:10:10) जैसा संतुलित फर्टिलाइज़र देने से अच्छे फूल और फल आते हैं.
खाद देना न भूलें