22 June 2025
Satish Vishwakarma
पढ़ाई को सिर्फ किताबों से चिपककर न करें, बल्कि समझने और दिमाग में उतारने की कोशिश करें. हो सकता है कि आपका तरीका थोड़ा पासिव हो, जिसमें दिमाग एक्टिव नहीं होता. इसलिए एक्टिव रीडिंग पर फोकस करें.
लगातार घंटों पढ़ते रहना थकावट और बोरियत लाता है. हर 45-50 मिनट पर 5-10 मिनट का ब्रेक लें. इस दौरान थोड़ा टहलें, स्ट्रेच करें या किसी से हल्की बात करें. इससे दिमाग फ्रेश रहता है.
लंबे समय तक पढ़ाई के बीच ब्रेक जरूर लें
जो भी पढ़ा है, उसे खुद से सवाल पूछकर दोहराएं. जैसे "मैंने अभी जो चैप्टर पढ़ा, उसका मेन पॉइंट क्या था?" इससे रीविजन भी होगा और जानकारी लंबे समय तक याद रहेगी.
पढ़ाई के बाद खुद से सवाल-जवाब करें
कभी-कभी हमें ऐसा विषय पढ़ना होता है जो पसंद नहीं आता. ऐसे में उस पर दोस्तों या सीनियर्स से बात करें, वीडियो देखें, ग्रुप डिस्कशन करें. बातचीत से कनेक्शन बनने लगेगा और समझ भी आएगा.
जिस विषय में रुचि न हो
नींद पूरी न होने से दिमाग सुस्त रहता है और कुछ भी जल्दी याद नहीं होता. साथ ही मोबाइल-लैपटॉप का समय भी सीमित करें. इससे आपका फोकस बढ़ेगा.
नींद और स्क्रीन टाइम का ध्यान रखें
पढ़ाई के तनाव को अकेले न झेलें. अगर आप ज्यादा चुप रहते हैं तो मानसिक थकावट बढ़ती है. इसलिए समय निकालकर परिवार या दोस्तों से बात करें.
दूसरों से बातचीत करते रहें
घंटों की बजाय ये सोचें कि आपने क्या सीख लिया. जैसे "मैंने आज ये चैप्टर पूरी तरह समझ लिया" इस तरह के टार्गेट आपको ज़्यादा फोकस्ड बनाएंगे.
लक्ष्य को समय नहीं, नतीजों से तय करें
अगर बीच में गैप आ गया तो पिछला पढ़ा हुआ भूलने लगेगा. हर दिन थोड़ा-थोड़ा भी पढ़ेंगे तो दिमाग उस विषय से जुड़ा रहेगा.
पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें