20 June 2025
VIVEK SINGH
इनकम टैक्स विभाग डिजिटल और कैश दोनों तरह के ट्रांजैक्शन पर नजर रखता है. किसी भी गड़बड़ी या इनकम से ज्यादा लेन-देन की स्थिति में तुरंत नोटिस भेजा जा सकता है.
अगर आप साल भर में बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश जमा करते हैं, तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है. जानकारी छुपाने पर नोटिस आ सकता है.
10 लाख से ज्यादा जमा न करें
अगर आपने 1 लाख या उससे ज्यादा की एफडी कैश में करवाई है, तो आईटी विभाग आपसे पूछताछ कर सकता है. आपको अपने इनकम का सोर्स और उसका वैध सबूत देना होगा.
ज्यादा कैश में न करें FD
अगर आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदते समय 30 लाख या ज्यादा का कैश पेमेंट करते हैं, तो रजिस्ट्री विभाग यह जानकारी इनकम टैक्स को देगा. इसके बाद विभाग पूछताछ कर सकता है.
30 लाख कैश पेमेंट से बचें
अगर आप 1 लाख या ज्यादा का क्रेडिट कार्ड बिल कैश में भरते हैं, तो ये संदेहास्पद माना जाता है. इनकम टैक्स विभाग इस ट्रांजैक्शन की जांच कर सकता है.
क्रेडिट कार्ड का बिल
शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड या अन्य साधनों में कैश से निवेश न करें. ऐसा करना टैक्स नियमों के खिलाफ है. इनकम टैक्स विभाग ऐसे निवेश पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है.
कैश में न करें निवेश
हर बड़े लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड रखना जरूरी है. इससे आप किसी भी पूछताछ या नोटिस की स्थिति में खुद को आसानी से सुरक्षित साबित कर सकते हैं.
डिजिटल रिकॉर्ड जरूर रखें
टैक्स नियमों का सही पालन करने से आप भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी या कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं. पारदर्शी लेन-देन ही समझदारी का संकेत है.
टैक्स नियमों का पालन ही सुरक्षा है