22 June 2025
Satish Vishwakarma
अगर आप इस मानसून में कहीं घूमने का सोच रहे हैं, लेकिन भीड़ से दूर, शांति और हरियाली के बीच वक्त बिताना चाहते हैं, तो ये ऑफबीट हिल स्टेशन आपके लिए परफेक्ट हैं. कोहरा, हरियाली, झरनों की आवाज और गरम चाय के साथ सुकून से भरे पल.
उत्तराखंड का चोपता अक्सर मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है और मानसून में यह जगह हरियाली और कोहरे से भर जाती है. चारों ओर घास के मैदानों में नमी, रास्तों पर जंगली फूल, और पेड़ों से टपकती बारिश की बूंदें सब कुछ किसी फिल्म के सीन जैसा लगता है.
चोपता, उत्तराखंड
मनाली और शिमला से अलग, तीर्थन वैली अब भी एक शांत और कम भीड़भाड़ वाली जगह है. बारिश के मौसम में यहां की नदियां और जंगल एकदम जिंदा हो उठते हैं.
तीर्थन वैली, हिमाचल
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित चिखलदरा को बहुत कम लोग मानसून में एक्सप्लोर करते हैं, लेकिन यही इसकी खूबसूरती है. जब बरसात होती है, तो ये जगह हरियाली, कोहरे और जंगलों से भर जाती है.
चिखलदरा, महाराष्ट्र
कौसानी को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है, और इसका कारण मानसून में साफ़ नजर आता है. यहां बादल कभी हिमालय को छुपा देते हैं, तो कभी अचानक से नजारे दिखा जाते हैं.
कौसानी, उत्तराखंड
अगुंबे भारत के सबसे ज्यादा बारिश पाने वाले स्थानों में से एक है, और बरसात के मौसम में यह जगह पूरी तरह से जादुई बन जाती है. यहां की घनी हरियाली, फिसलती पगडंडियां और झरनों की गूंज आपको जंगल की गोद में ले जाती है.
अगुंबे, कर्नाटक
जीरो एक छोटा सा पहाड़ी कस्बा है जो मानसून में किसी सपने जैसा लगता है. यहां की अपातानी जनजाति धान की खेती करती है और मानसून में पूरा इलाका पानी से भरे खेतों, बांस के घरों और पक्षियों की आवाज से गूंजता रहता है.
जीरो, अरुणाचल प्रदेश
अगर आप प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं, मन को सुकून देना चाहते हैं और भीड़ से दूर कहीं शांति पाना चाहते हैं, तो ये जगहें आपके लिए एकदम सही हैं. ये न सिर्फ घूमने की जगहें हैं, बल्कि आत्मा को छू लेने वाले अनुभव भी हैं.
इस मानसून