27 June 2025
VIVEK SINGH
भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत बिना वजह ट्रेन की चेन खींचना अवैध है. ऐसा करने पर एक साल की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
अब रेलवे कोच में सिर्फ एक इमरजेंसी चेन होती है, जो कोच के बीच में लगाई जाती है. पहले दोनों ओर होती थी, लेकिन दुरुपयोग के चलते संख्या घटा दी गई.
हर कोच में होती है एक चेन
ट्रेन में आग, लूट, डकैती, किसी यात्री के छूटने या गंभीर मेडिकल इमरजेंसी में चेन खींची जा सकती है. ये केवल आपातकालीन स्थिति के लिए ही होती है.
किन हालातों में खींच सकते हैं चेन
अगर साथ में कोई बुजुर्ग, बच्चा या दिव्यांग यात्री है और उसकी तबीयत बिगड़ती है, तो चेन खींचकर मदद ली जा सकती है. स्टेशन मास्टर मेडिकल सहायता मुहैया कराता है.
बुजुर्ग, बच्चे और दिव्यांग के लिए छूट
यदि महिला यात्री के साथ यात्रा के दौरान छेड़छाड़ या उत्पीड़न होता है या वह मेडिकल आपात स्थिति में हो, तो उसे चेन खींचकर मदद मांगने की छूट है.
महिलाओं के लिए विशेष छूट
ट्रेन में चेन पुलिंग होते ही ब्रेक पाइप से एयर प्रेशर कम हो जाता है, जिससे रेलवे को पता चल जाता है कि किस बोगी में चेन खींची गई है.
पुलिंग के समय पता चलता है बोगी
ट्रेन का ब्रेक सिस्टम तीन तरह का होता है: वैक्यूम ब्रेक, ICF एयर ब्रेक और LHV एयर ब्रेक. इन सभी में एयर प्रेशर से ब्रेकिंग होती है, जो चेन पुलिंग से बाधित होता है.
ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम कैसे करता है काम
जो चेन इमरजेंसी में मदद के लिए है, उसका गलत इस्तेमाल ट्रेन संचालन में रुकावट पैदा करता है. ऐसे में जरूरी है कि यात्री नियमों का पालन करें और जागरूक बनें.
गलत इस्तेमाल से बर्बाद होती है सुविधा