24 June, 2025
Kumar Saket
अमेरिका ने 21वीं सदी में अब तक कुल 7 प्रमुख सैन्य हस्तक्षेप किए हैं. आइए जानते इन 7 सैन्य हस्तक्षेप के बारे में.
11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान शासन को हटाने के लिए युद्ध शुरू किया. इसका उद्देश्य अल-कायदा को खत्म करना था. बीस वर्षों तक चले इस युद्ध में भारी सैन्य, आर्थिक और नागरिक नुकसान हुआ. 2021 में अमेरिकी सेनाएं पूरी तरह वापस लौट गईं.
2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला कर सद्दाम हुसैन की सरकार गिरा दी, यह दावा करते हुए कि वहां सामूहिक विनाश के हथियार हैं. हालांकि ऐसे हथियार नहीं मिले. 2011 में वापसी के बाद 2014 में ISIS के खिलाफ अमेरिका ने दोबारा सैन्य कार्रवाई शुरू की, जो अब भी सीमित रूप से जारी है.
इराक युद्ध
2011 में लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के खिलाफ विद्रोह हुआ. अमेरिका और नाटो ने नो-फ्लाई जोन लागू कर गद्दाफी की सेनाओं पर हवाई हमले किए. इस हस्तक्षेप ने गद्दाफी शासन का अंत किया, लेकिन देश में अस्थिरता और गृहयुद्ध को जन्म दिया.
सीरिया में अमेरिका ने ISIS के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए 2014 से हवाई हमले शुरू किए. इसके साथ ही कुर्द लड़ाकों को समर्थन दिया गया. अमेरिका ने कुछ मौकों पर सीरियाई सरकार के ठिकानों पर भी हमले किए. यह हस्तक्षेप सीमित लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा.
अमेरिका ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन को यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ समर्थन दिया. इसमें खुफिया जानकारी, हथियार और लॉजिस्टिक सहायता शामिल है. यमन युद्ध में मानवीय संकट गहराया, जिस पर अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा.
2014 से अमेरिका ने इराक, सीरिया और लीबिया में ISIS के खिलाफ हवाई हमलों और विशेष बलों की सहायता से सैन्य अभियान चलाया. इस अभियान का उद्देश्य आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करना था. अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन ने ISIS की अधिकांश क्षेत्रीय सत्ता समाप्त कर दी.
जून 2025 में अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान में परमाणु ठिकानों पर हमला किया. इसमें B-2 बॉम्बर्स और बंकर-बस्टर बमों का इस्तेमाल हुआ.