ITR-U क्या है, जानें कौन भर सकता है और कौन नहीं

23 August 2025

Satish Vishwakarma 

ITR-U का मतलब है Updated Income Tax Return. यह एक ऐसा फॉर्म है जिसे CBDT ने शुरू किया है. इसकी मदद से आप अपने पुराने ITR (Income Tax Return) में हुई किसी भी गलती को सुधार सकते हैं.

क्या है ITR-U?

अगर आपने टैक्स रिटर्न में कोई जानकारी गलत दी है या कुछ छूट गया है, तो इस फॉर्म के जरिए उसे सही किया जा सकता है. यह नियम Income Tax Act की धारा 139(8A) के तहत लागू होता है.

किस नियम के तहत लागू? 

सरकार ने ITR-U को Finance Act 2022 में पेश किया और फिर Finance Act 2025 में इसके नियमों को अपडेट किया. इसका मकसद है कि लोग ईमानदारी से टैक्स भरें और किसी गलती के कारण टैक्स चोरी का मामला न बने.

क्यों शुरू किया गया ITR-U?

ITR-U की मदद से टैक्सपेयर को यह मौका मिलता है कि वे बिना किसी कानूनी झंझट के अपने पुराने रिटर्न को सही कर सकें.

क्या मिलता है मौका?

अगर आपने टैक्स फाइल करते समय किसी आय (Income) को शामिल करना भूल गए, गलत जानकारी दे दी या फिर कोई गलती कर दी है, तो ITR-U के जरिए यह सब सुधार सकते हैं.

ITR-U में क्या कर सकते हैं?

ITR-U उन लोगों के लिए है जो समय पर Original Return नहीं भर पाए. Revised Return या Belated Return नहीं फाइल किया. अपने पहले के ITR में कोई गलती सुधारना चाहते हैं.

कौन ITR-U फाइल कर सकता है?

आपके पास ITR-U फाइल करने के लिए 48 महीने (4 साल) का समय होता है, जो संबंधित असेसमेंट ईयर के अंत से गिना जाता है.

ITR-U फाइल करने की समय सीमा

ITR-U फाइल करने पर आपको अतिरिक्त टैक्स देना होगा. अगर रिटर्न 12 महीने में फाइल करते हैं तो 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैक्स. 24 महीने में 50 फीसदी एक्स्ट्रा टैक्स और 36 या 48 महीने में 70 फीसदी एक्स्ट्रा टैक्स.

ITR-U पर लगने वाला अतिरिक्त टैक्स