26 June 2025
Satish Vishwakarma
कई बार हम एक्सरसाइज की शुरुआत बड़े जोश से करते हैं. नए जूते, नई उम्मीदें और इंस्टाग्राम फॉलो करते हैं. लेकिन कुछ ही हफ्तों में वापस सोफे और रील्स पर आ जाते हैं. ऐसे में अगर कोई तरीका बिना जिम, बिना पैसे और बिना बोझ के फिट रखने लगे, तो कैसा हो?
जापानी वॉकिंग यानी “Interval Walking Training” यही करता है. चलिये जानते हैं क्या है तरीका.
जापानी वॉकिंग
इसमें 3 मिनट तेज चलना होता है, फिर 3 मिनट आराम से. इसे 6 बार दोहराना होता है यानी कुल 30 मिनट का सेशन. न ज्यादा थकान, न बोरियत बस रिदम में चलना है.
जापानी वॉकिंग है क्या?
तीन मिनट तेज चलो ताकि दिल और मसल्स एक्टिव हो जाएं. फिर तीन मिनट धीरे चलो ताकि शरीर को थोड़ा आराम मिले. तेज वॉकिंग इतनी हो कि बात कर सको लेकिन गाना न गा पाओ. और आराम वाली वॉक ऐसे जैसे मॉल में घूम रहे हो.
तीन-तीन मिनट का जादू
जब वैज्ञानिकों ने इसे बुजुर्गों पर आजमाया, तो पाया कि 3 मिनट तेज़ चलने के बाद थकान शुरू हो जाती है. इसलिए 3-3 मिनट का सेट सबसे असरदार है. अगर आप फिट हैं, तो इसे बढ़ा भी सकते हैं. शुरुआत 1 या 2 मिनट से भी की जा सकती है.
तीन मिनट क्यों?
अगर आपको रोज़ाना की वॉक बोरिंग लगती है या कोई बड़ा वर्कआउट नहीं कर सकते, तो यह तरीका कमाल है. इसे वे भी कर सकते हैं जिन्हें डायबिटीज की शुरुआत है, या जोड़ों में दर्द रहता है. कोई भारी कसरत नहीं, फिर भी असरदार.
हर उम्र के लिए सही
यह तरीका उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो दौड़ या जिम जैसी ऐक्टिविटीज नहीं कर सकते. खासकर जो चोट से उबर रहे हों या बैलेंस की प्रॉब्लम हो. हड्डियों को झटका नहीं, बस धीरे-धीरे मजबूती.
ये है बेस्ट ऑप्शन
सिर्फ स्टेप्स गिनने से फायदा नहीं होता. बिना इंटेंसिटी के चलना ऐसे है जैसे बिना समझे पढ़ाई करना. जापानी वॉकिंग क्वालिटी पर फोकस करता है. ज्यादा असर, कम वक्त. बिना किसी गैजेट, बिना खर्चे, और बिना जिम.
10,000 स्टेप्स का झंझट छोड़ो