इस मानसून में यहां नहीं घुमा तो क्या किया!

3 August 2025

Kumar Saket

बरसात की पहली बूंदों से दक्षिण भारत रंगों में खिला, जहां कोहरे में लिपटी चाय‑कॉफी बागान, बैकवाटर और पर्वतीय झरने मन को शीतल सुकून पहुंचाते हैं. कूर्ग की मिट्टी की खुशबू, मुनार‑की हरियाली, अथिरपल्ली‑जलप्रपात की गूंज और वायनाड‑का शांत वातावरण मन को भावनात्मक सुकून और शांति प्रदान करते हैं.

बरसात की पहली बूंद

मॉनसून में कूर्ग में कॉफी के खेतों, जलप्रपातों और धुंध भरी पहाड़ियों से ढकी हरियाली देखने लायक होती है. घने जंगलों में बारिश की बूंदें और शांत वातावरण इसे स्कॉटलैंड ऑफ इंडिया बनाता है.

कूर्ग (Coorg)

चाय की फैलती बागान, बरसाती झरने और ऊंची चोटियों की कलमखानी धुंध मुनार को हरी‑भरी छटा देती है. बारिश के मौसम में यह नजारे सचमुच जैसे कोई जलरंगीन चित्र हों.

मुनार (Munnar)

पश्चिमी घाटों में स्थित अगुंबे बायोडायवर्सिटी और भारी वर्षा के लिए दक्षिण का चेरापूंजी कहलाता है. यहां की बारिश, किंग कोबरा अभयारण्य और प्राकृतिक शांति इसे मानसून प्रेमियों का पसंदीदा बनाती है.

अगुंबे (Agumbe)

मॉनसून के दौरान ऊटी की चाय बागानें, वादियां और झरनों की शीतलता मन मोह लेती है. Hill Queen के नाम से जानी जाने वाली जगह, बारिश में और भी आकर्षक हो जाती है.

ऊटी (Ooty)

घने जंगल, कोहरे से भरी पहाड़ियां और बरसाती झरने वायनाड को मॉनसून का स्वर्ग बनाते हैं. एडवेंचर‑ट्रेक और वन्यजीव दर्शन यहां का मुख्य आकर्षण है.

वायनाड (Wayanad)

बरसात की हल्की बूंदों में आकर्षक द्वीपों का रंग बदल जाता है. नीला समुद्र, हरियाली तटीय इलाके और शांत वातावरण लक्षद्वीप को मानसून के दौरान एक शांत द्वीप अनुभव देते हैं.

लक्षद्वीप (Lakshadweep)