19/12/2025
Kumar Saket
आज के दौर में पर्सनल लोन लेना आसान जरूर हो गया है, लेकिन बैंक लोन अप्रूवल से पहले आवेदकों की पूरी जांच करते हैं. आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, इनकम, खर्च और कागजी कार्रवाई पर बैंक की निगरानी तय करती है कि आपका लोन मंजूर होगा या रिजेक्ट. जानिए वो 5 अहम बातें जो बैंक के फैसले को प्रभावित करती हैं.
आपकी मासिक इनकम और नौकरी की स्थिरता बहुत मायने रखती है. स्थिर नौकरी या नियमित बिजनेस इनकम आपके लोन अप्रूवल की संभावनाएं बढ़ाती हैं क्योंकि इससे बैंक को पैसे वापसी की क्षमता का भरोसा होता है.
इनकम और नौकरी की स्थिति
यदि आपके ऊपर पहले से कई लोन या क्रेडिट कार्ड की EMI बकाया है, तो बैंक झिझकते हैं. ज्यादा बकाया होने पर बैंक को शक होता है कि आप नया लोन समय पर चुका पाएंगे या नहीं.
मौजूदा कर्ज और क्रेडिट कार्ड बैलेंस
पिछले 6 से 12 महीने के बैंक स्टेटमेंट से बैंक परखते हैं कि आपका खर्च और बचत का पैटर्न कैसा है. इससे आपकी EMI चुकाने की क्षमता का आकलन होता है.
बैंक स्टेटमेंट और खर्च-पैटर्न
KYC डॉक्युमेंट, इनकम प्रूफ और एड्रेस प्रूफ को पूरी तरह सही और अपडेटेड होना जरूरी है. किसी भी दस्तावेज में गड़बड़ी से लोन अप्रूवल रोक दिया जाता है. बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, इनकम, खर्च, और दस्तावेजों की पूरी जांच के बाद लोन देने का निर्णय लेते हैं. इन मानकों पर फिट होने वाले आवेदकों को लोन जल्दी मिलता है.
डॉक्युमेंटेशन की मजबूती
ज्यादा कर्ज, खराब क्रेडिट स्कोर, असंगत इनकम या अधूरी कागजी कार्रवाई लोन रिजेक्ट के मुख्य कारण हैं. इसलिए बैंक की सभी जरूरतों को पूरा करना जरूरी है.
लोन रिजेक्ट के कारण
लोन लेने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान दें, कर्ज कम करें, जरूरी दस्तावेज अपडेट करें और स्थिर आमदनी दिखाएं. ये कदम आपके लोन अप्रूवल की संभावनाओं को बेहतर बनाएंगे.
सही तैयारी के टिप्स