ये हैं हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कम करने के 6 स्मार्ट तरीके

18 August 2025

Satish Vishwakarma 

आजकल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बेहद जरूरी हो गया है, लेकिन समस्या यह है कि समय के साथ इसके प्रीमियम काफी महंगे होते जा रहे हैं. खासकर सीनियर सिटीजन के लिए, जहां बीमारियों का खतरा ज्यादा है, प्रीमियम भी भारी हो जाते हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस

 लेकिन अच्छी बात ये भी है कि कुछ समझदारी भरे कदम उठाकर हम अपने प्रीमियम को कम रख सकते हैं और कवरेज में भी कोई कमी नहीं आएगी. आइए जानते हैं ये 6 स्मार्ट तरीके.

कैसे करें कम

डिडक्टिबल का मतलब है कि क्लेम के समय पहले एक तय रकम आपको अपनी जेब से देनी होगी. उसके बाद बाकी खर्च इंश्योरेंस कंपनी कवर करती है. उदाहरण के लिए, अगर आपने 5,000 या का डिडक्टिबल लिया है, तो आपके प्रीमियम में 10 % तक की कमी हो सकती है. 

 डिडक्टिबल (Deductible) चुनें

बेस पॉलिसी की बजाय सुपर टॉप-अप लेना ज्यादा फायदेमंद होता है.

सुपर टॉप-अप प्लान

 मान लीजिए आपके पास 5 लाख का बेस प्लान और 10 लाख का सुपर टॉप-अप है. अगर आपको 7 लाख का खर्च आता है, तो बेस प्लान 5 लाख देगा और सुपर टॉप-अप बाकी 2 लाख कवर करेगा.

जानिए कैसे? 

इंश्योरेंस कंपनियां कई तरह की छूट देती हैं, लेकिन लोग अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. इनमें लॉन्ग टर्म डिस्काउटं, फैमिली फ्लोटर, लाइफस्टाइल डिस्काउंट और  नो क्लेम बोनस आता है. 

डिस्काउंट्स का फायदा उठाइए

कुछ कंपनियां पॉलिसीधारकों को फिटनेस प्रोग्राम के आधार पर छूट देती हैं. उदाहरण के लिए, अगर आप रोजाना 10,000 कदम चलते हैं या जिम में वर्कआउट करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स देती है. 

हेल्थ चेक-अप और फिटनेस बेनिफिट

अगर आपको लगता है कि आपकी मौजूदा पॉलिसी महंगी है या उतना कवरेज नहीं दे रही, तो आप इसे किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट कर सकते हैं. पोर्टिंग केवल पॉलिसी रिन्यूअल के समय ही होती है और इसके लिए आपको कम से कम 45 दिन पहले आवेदन करना पड़ता है. 

पॉलिसी पोर्ट करें