EMI खा रही है आपकी सैलरी? पर्सनल लोन से पहले समझ लें ये 5 जरूरी फैक्टर 

20/12/2025

Pradyumn Thakur

पर्सनल लोन लेने से पहले EMI को प्रभावित करने वाले कारण समझना जरूरी है, ताकि आपकी मासिक कमाई पर बोझ न पड़े और कर्ज आसानी से चुकाया जा सके.

कारण समझना जरूरी

EMI यानी हर महीने चुकाई जाने वाली किस्त. यह आपकी सैलरी और खर्च पर सीधा असर डालती है. इसलिए लोन लेने से पहले EMI समझना बहुत जरूरी है.

EMI क्या होती है.

जितना ज्यादा लोन लेंगे, उतनी ज्यादा EMI बनेगी. जरूरत से ज्यादा पैसा उधार लेने से बचें. केवल उतनी ही रकम लें, जितनी वाकई जरूरी हो.

लोन की रकम.

पर्सनल लोन पर ब्याज दर ज्यादा होती है. 1 प्रतिशत का फर्क भी EMI और कुल ब्याज में बड़ा बदलाव ला सकता है. अच्छा क्रेडिट स्कोर कम ब्याज दिलाता है.

ब्याज दर.

लंबी अवधि में EMI कम होती है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है. छोटी अवधि में EMI ज्यादा होती है, पर कुल खर्च कम रहता है. संतुलन जरूरी है.

लोन अवधि.

750 या उससे ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है. स्थिर नौकरी और नियमित आय होने पर बैंक कम ब्याज और बेहतर शर्तें देता है.

क्रेडिट स्कोर और इनकम

लोन लेते समय प्रोसेसिंग फीस, GST और अन्य चार्ज लगते हैं. ये EMI नहीं बढ़ाते, लेकिन लोन की कुल लागत जरूर बढ़ा देते हैं.

प्रोसेसिंग फीस

सही EMI प्लानिंग से मासिक बजट नहीं बिगड़ता. समय पर भुगतान आसान रहता है और मानसिक तनाव भी नहीं होता.

EMI प्लानिंग जरूरी क्यों

ऊंचा ब्याज और EMI मिस होने पर जुर्माना लगता है. बार-बार लोन लेने से कर्ज का जाल बन सकता है. सोच समझकर ही लोन लें.

पर्सनल लोन के जोखिम