1 August 2025
VIVEK SINGH
DICGC, रिजर्व बैंक की संस्था है जो बैंक डिपॉजिट पर 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर देती है. यह व्यवस्था बैंक डूबने या दिवालिया होने की स्थिति में काम आती है.
DICGC के नियमों के अनुसार हर खाताधारक को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की सुरक्षा मिलती है. इसमें सेविंग, करंट, फिक्स्ड और रिकरिंग डिपॉजिट शामिल हैं.
कितनी रकम तक की गारंटी मिलती है?
अगर बैंक दिवालिया हो जाए तो 90 दिनों के भीतर पैसे मिल जाते हैं. 45 दिन में बैंक को जानकारी देनी होती है और अगले 45 दिन में DICGC पैसा देता है.
पैसा कितने समय में मिलेगा?
अगर आपके बैंक खाते में 5 लाख से अधिक जमा है, तो भी सिर्फ 5 लाख रुपये तक ही गारंटी मिलेगी. बाकी रकम की भरपाई नहीं होती.
5 लाख से ज्यादा जमा हैं तो क्या होगा?
DICGC की ये सुविधा सेविंग, करंट, फिक्स्ड और रिकरिंग डिपॉजिट पर मिलती है. यह सभी कॉमर्शियल, ग्रामीण और सहकारी बैंकों पर लागू होती है.
कौन-कौन से अकाउंट्स कवर होते हैं?
ग्रामीण इलाकों की कुछ सहकारी समितियों पर ये इंश्योरेंस लागू नहीं होता. इन बैंकों में अकाउंट रखने से पहले DICGC वेबसाइट पर चेक कर लें. से नेट गेन कम होगा और टैक्स की रकम घटेगी.
सहकारी समितियों का पैसा कवर नहीं होता
हां, PPF और बाकी केंद्र सरकार की योजनाओं का पैसा पूरी तरह सुरक्षित होता है. इन स्कीम्स की गारंटी केंद्र सरकार खुद देती है.
PPF जैसी स्कीम का पैसा भी सुरक्षित है?