14/10/2025
VIVEK SINGH
भारतीय रिजर्व बैंक ने यह तय नहीं किया है कि एक व्यक्ति के पास अधिकतम कितने क्रेडिट कार्ड हो सकते हैं. आप जितने चाहें उतने कार्ड रख सकते हैं, लेकिन सही मैनेजमेंट बहुत जरूरी है.
अलग-अलग बैंकों के कई कार्ड रखने से क्रेडिट लिमिट तो बढ़ सकती है, लेकिन बिल और पेमेंट मैनेज करना मुश्किल हो जाता है. हर कार्ड का अलग बिल डेट होने से कंफ्यूजन और कर्ज का खतरा बढ़ता है.
हमेशा फायदेमंद नहीं
लोग सोचते हैं कि ज्यादा कार्ड लेने से खर्च की ताकत बढ़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं है. ज्यादा कार्ड मतलब ज्यादा बिल और खर्च. कमाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ता, बल्कि मैनेजमेंट सही न हो तो बोझ बढ़ जाता है.
कमाई नहीं बढ़ती
अगर आप सेल्फ कंट्रोल और डिसिप्लिन में माहिर हैं, तो एक कार्ड काफी है. अच्छी इनकम और बिना लोन की स्थिति में 2 से 3 कार्ड रख सकते हैं, लेकिन इससे अधिक रखना जोखिम भरा हो सकता है.
तय करें सोच-समझकर
नई नौकरी में जाने पर पुराना EPF अकाउंट डॉर्मेंट छोड़ने की बजाय उसे ट्रांसफर करना बेहतर होता है. आपका UAN सभी EPF खातों को लिंक कर देता है और बैलेंस ट्रांसफर आसान बनाता है. इससे आपकी सर्विस रिकॉर्ड बनी रहती है.
Minimum Due को समझें
Minimum Due अमाउंट आमतौर पर 15% से 25% तक होता है. इसे बार-बार भरने से कर्ज कम नहीं होता, बल्कि ब्याज का बोझ बढ़ता है. इसे केवल आपात स्थिति में ही इस्तेमाल करना चाहिए.
Minimum Due पर सावधानी जरूरी
Minimum Due से पेमेंट करने पर बचे हुए अमाउंट पर 3% से 4% मंथली ब्याज लगता है. साल भर में यह 30% से 45% तक पहुंच सकता है. इससे सिबिल स्कोर पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.
बढ़ता है ब्याज बोझ
क्रेडिट कार्ड देने से पहले बैंक आपके सिबिल स्कोर, इनकम और मौजूदा कार्ड की संख्या चेक करते हैं. अगर इनकम कम है, तो कई कार्ड मिलना मुश्किल होता है. जिम्मेदारी से कार्ड मैनेज करना जरूरी है.
कार्ड मैनेज करना जरूरी