05/10/2025
Kumar Saket
क्रेडिट स्कोर एक नंबर होता है जो यह बताता है कि आप कितना जिम्मेदार उधारकर्ता है. इसमें आपकी पेमेन्ट हिस्ट्री, कर्ज का हिसाब-किताब, और क्रेडिट उपयोग दर शामिल होती हैं, लेकिन आपकी आय सीधे तौर पर इसकी गणना में नहीं आती.
आपका वेतन या सैलरी क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट नहीं होती, इसलिए इसका स्कोर पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता. हालांकि, बढ़ी हुई कमाई आपके वित्तीय प्रबंधन के तरीकों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है.
वेतन और सैलरी
जब आपकी सैलरी बढ़ती है, तो आप अपने कर्ज जल्दी चुका सकते हैं और कम क्रेडिट उपयोग (30% से कम) सुनिश्चित कर सकते हैं. ये आदतें आपके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में मदद करती हैं.
क्रेडिट उपयोग
क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेशियो वह प्रतिशत है जो दिखाता है कि आप कितना क्रेडिट इस्तेमाल कर रहे हैं. यह स्कोर के लिए बेहद अहम है. आपका कुल क्रेडिट लिमिट जितना बड़ा होगा और उपयोग उतना कम, आपका स्कोर उतना अच्छा रहेगा.
क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेशियो
DTI यानी Debt-to-Income रेशियो यह दर्शाता है कि आपकी आय का कितना हिस्सा कर्ज की अदायगी में जाता है. ज्यादा सैलरी होने से DTI कम होता है, जो लेंडर्स को आपकी कर्ज चुकाने की क्षमता दिखाता है.
Debt-to-Income
कई लोग सोचते हैं कि सैलरी बढ़ने से क्रेडिट स्कोर अपने आप बढ़ जाता है. यह मिथक है. क्रेडिट स्कोर आपकी भुगतान आदतों पर निर्भर करता है, न कि आपकी कमाई पर.
सैलरी बढ़ने से क्रेडिट स्कोर पर असर
समय पर लोन चुकाएं, क्रेडिट कार्ड का उपयोग सीमित रखें, कर्ज जल्दी चुकाने की कोशिश करें और बजट पर ध्यान दें.
बेहतर वित्तीय आदतें कैसे बनाएं?