01/11/2025
SATISH VISHWAKARMA
रिटेल निवेशक अक्सर इस दुविधा में रहते हैं कि उन्हें ELSS, PPF या FD में से कौन-सा विकल्प चुनना चाहिए. हर विकल्प के अपने फायदे और सीमाएं हैं. आइए जानें कौन-सा निवेश आपके लक्ष्यों के लिए बेहतर रहेगा.
ELSS एक म्यूचुअल फंड है जो शेयर बाजार में निवेश करता है और टैक्स बचत का मौका देता है (पुराने टैक्स सिस्टम में 1.5 लाख रुपये तक). इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. यह इक्विटी में निवेश का अनुशासित तरीका है.
ELSS
Public Provident Fund यानी PPF सरकार द्वारा समर्थित एक भरोसेमंद स्कीम है. यह 7.1 प्रतिशत सालाना ब्याज देती है. 15 साल का लॉक-इन पीरियड इसे दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयुक्त बनाता है.
PPF
Fixed Deposit एक सुरक्षित बैंक निवेश है. ब्याज दर 6 से 6.5 प्रतिशत तक होती है. इस पर टैक्स छूट नहीं मिलती और ब्याज टैक्सेबल होता है. इसका फायदा यह है कि इसमें कोई लॉक-इन नहीं होता.
FD
नए टैक्स सिस्टम में ELSS और PPF पर टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं है. लेकिन निवेश का उद्देश्य सिर्फ टैक्स बचाना नहीं, बल्कि अपने वित्तीय लक्ष्य हासिल करना होना चाहिए.
टैक्स डिडक्शन पर नया नियम क्या कहता है?
ELSS में निवेश अनुशासन सिखाता है. क्योंकि इसे 3 साल तक रिडीम नहीं किया जा सकता, इससे निवेशक इक्विटी में टिके रहते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं.
निवेश में अनुशासन जरूरी है
अगर सुरक्षित और लंबी अवधि का विकल्प चाहते हैं तो PPF. रिटर्न और अनुशासन के लिए ELSS बढ़िया है. लिक्विडिटी और सुरक्षा के लिए FD उपयुक्त है.
जरूरत के हिसाब से निवेश