10/11/2025
Kumar Saket
घर खरीदने या किराये पर रहने का सवाल हर किसी के सामने आता है, खासकर 2025 के बदलते आर्थिक माहौल में. मासिक किस्त यानी EMI और किराया दो अलग-अलग खर्चे हैं, जिनका असर आपकी वित्तीय स्थिति और भविष्य दोनों पर पड़ता है. यहां समझें कि किस स्थिति में कौन सा विकल्प आपके लिए फायदेमंद रहेगा.
शुरुआती दिनों में किराए पर रहना बेहतर होता है क्योंकि आपको डाउन पेमेंट या लोन की चिंता नहीं होती. लेकिन किराया हर साल बढ़ता रहता है, जो दीर्घकाल में आपका ज्यादा खर्च बढ़ा सकता है.
शुरूआती दिनों में किराया बेहतर
EMI के जरिए आप हर महीने अपनी संपत्ति के मालिक बनते जाते हैं. शुरुआती खर्च ज्यादा होते हैं, लेकिन समय के साथ आपकी पूंजी बनती है जो भविष्य में आपकी मदद करती है.
EMI में होती है संपत्ति की खरीद
अगर आपकी नौकरी स्थिर है और आय नियमित रूप से बढ़ रही है तो EMI देना बेहतर विकल्प हो सकता है. अनिश्चित नौकरी में किराया लेना अधिक लचीला होता है.
नौकरी की स्थिरता मायने रखती है
होम लोन पर मिल रहा टैक्स लाभ EMI को सस्ता बनाता है. वहीं, किराये पर रहने पर ऐसे लाभ नहीं मिलते.
टैक्स लाभ का फायदा
अपने घर को किराये पर देकर EMI की किश्तें निकाली जा सकती हैं, जिससे आर्थिक दबाव कम होता है.
EMI निकाली जा सकती है