जॉब छूटने पर कब और कितना निकाल सकते हैं PF का पैसा, जाने  नए नियम

16/10/2025

VIVEK SINGH 

कर्मचारी की सैलरी से 12% PF में जाता है. कंपनी की तरफ से 3.67% EPF में और 8.33% EPS में जमा होता है. ये राशि लंबे समय में बड़ी सेविंग और रिटायरमेंट फंड बन जाती है.

  PF में कैसे होता है बंटवारा

EPFO ने पार्शियल विड्रॉल की 13 कैटेगरी घटाकर अब 3 कर दी हैं. इनमें बीमारी, शिक्षा व शादी, आवासीय जरूरतें और इमरजेंसी शामिल हैं. इन सभी में अब 100% तक पार्शियल विड्रॉल की अनुमति है.

  PF निकालने के लिए बने 3 कैटेगरी

पहले नियमों के अनुसार नौकरी छूटने के एक महीने बाद PF अकाउंट से 75% राशि निकाली जा सकती थी. इससे कर्मचारियों को अचानक बेरोजगारी की स्थिति में सहारा मिलता था.

  नौकरी छूटने पर पहले एक महीने में 75% निकासी

क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करना मतलब उसे पूरी तरह छोड़ना नहीं, बल्कि सही जगह उपयोग करना है. अपने रिवॉर्ड पॉइंट्स और कैशबैक ऑफर्स को समझदारी से इस्तेमाल करें. 

  एक महीने में 75% निकासी

पुराने नियमों में अगर कोई कर्मचारी 2 महीने से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहता था, तो EPFO उसे PF का पूरा अमाउंट निकालने की अनुमति देता था. यह नियम अब बदल दिया गया है.

  पूरी निकासी की इजाजत

नए नियमों के अनुसार नौकरी छूटते ही PF बैलेंस का 75% तुरंत निकाला जा सकता है. बाकी 25% राशि बेरोजगारी की स्थिति में 12 महीने पूरे होने के बाद ही निकाली जा सकेगी.

 अब 75% तुरंत और 25% 12 महीने बाद

EPFO के पार्शियल विड्रॉल पर कोई टैक्स नहीं लगता, बशर्ते यह मान्य परिस्थितियों में किया गया हो. इससे कर्मचारियों को बेरोजगारी या इमरजेंसी में फंड निकालने में राहत मिलती है.

   नहीं देना होगा टैक्स

PF अकाउंट से बार-बार पैसे निकालने से ब्याज और रिटायरमेंट सेविंग पर असर पड़ता है. इसलिए निकासी सोच-समझकर करनी चाहिए ताकि भविष्य के लिए पर्याप्त फंड बना रहे.

  बार-बार निकासी से घटता है ब्याज