22 August 2025
VIVEK SINGH
ठग नकली SMS या लिंक भेजते हैं और क्लिक करवाते हैं. लिंक पर क्लिक करते ही FASTag वॉलेट से मिनटों में पैसे गायब हो जाते हैं.
ज्यादातर मामले फर्जी लिंक से जुड़े हैं. इन SMS में आकर्षक मैसेज लिखकर शिकार को लुभाया जाता है और बैंकिंग डिटेल्स चोरी हो जाती हैं.
फेक SMS लिंक बने हथियार
ठग नकली QR कोड भेजते हैं. स्कैन करने पर फोन हैक हो जाता है और न केवल FASTag वॉलेट बल्कि निजी डेटा भी चोरी हो सकता है.
नकली QR कोड का जाल
ठग कैशबैक, डिस्काउंट और फ्री गिफ्ट का लालच देते हैं. लोग ऑफर के चक्कर में लिंक पर क्लिक कर देते हैं और ठगी का शिकार बन जाते हैं.
कैशबैक और डिस्काउंट का लालच
NHAI के 3,000 रुपये वाले सालाना FASTag पास को ठगों ने धोखाधड़ी का जरिया बना लिया है और फर्जी पास ऑफर कर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं.
FASTag पास पर नया फ्रॉड
लोग इंटरनेट पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं और ठगों के झांसे में आ जाते हैं. मुंबई में एक व्यक्ति ऐसे ही 2.4 लाख रुपये गंवा बैठा.
नकली कस्टमर केयर नंबर से ठगी
ये अपराधी लगातार नए तरीके निकाल रहे हैं. KYC से लेकर QR स्कैन और नकली नंबर तक, हर तरीका लोगों को जाल में फंसाने का है.
साइबर अपराधियों की चालाकी
विशेषज्ञों की सलाह है कि FASTag से जुड़े काम सिर्फ NHAI की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप पर ही करें. OTP, पासवर्ड और PIN किसी के साथ साझा न करें.
सावधानी ही है बचाव