16/10/2025
VIVEK SINGH
दिवाली और धनतेरस पर सोना खरीदना समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. लोग जूलरी, सिक्के और बार्स खरीदते हैं. बुलियन मार्केट में कीमतें ऊंची होने के बावजूद मांग में कोई कमी नहीं देखी जा रही है.
सोना एक सॉफ्ट मेटल है, इसलिए गहनों में इसे अन्य मेटल के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है. इसकी शुद्धता को मापने के लिए कैरेट का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे 14K, 18K, 22K या 24K.
100% खरा सोना नहीं बन सकता गहन
जूलरी पर 22K916, 18K750 जैसे नंबर होते हैं. 24 कैरेट में 99.9%, 23 में 95.8% और 22 कैरेट में 91.6% शुद्ध सोना होता है. ये नंबर खरीदार को सही जानकारी देने का काम करते हैं.
नंबर से पहचानें कितना शुद्ध है सोना
18 कैरेट गोल्ड में 100 ग्राम में 75 ग्राम शुद्ध सोना होता है. 14 कैरेट में 58.5% शुद्धता होती है. इसी आधार पर जेवर की कीमत तय होती है. 916 का मतलब 91.6% शुद्ध सोना होता है.
18 कैरेट गोल्ड में 75% शुद्ध सोना
भारत में सोने की जांच और प्रमाणन का काम BIS (Bureau of Indian Standards) करता है. हॉलमार्क वाला तिकोना निशान इस बात की गारंटी देता है कि गहना मान्यता प्राप्त लैब में टेस्ट हुआ है.
BIS करता है सोने की शुद्धता की जांच
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की आधिकारिक मुहर है. 1 अप्रैल 2023 से 6 अंकों वाला HUID नंबर अनिवार्य है. पुराने गहनों को भी BIS सेंटर्स में हॉलमार्क करवाना जरूरी है ताकि उन्हें बेचा या बदला जा सके.
हॉलमार्किंग और HUID जरूरी क्यों
अब मिलावटी सोने से बचने के लिए कुछ आसान घरेलू तरीके हैं. जैसे एसिड टेस्ट, मैग्नेट टेस्ट या वजन में मामूली फर्क पकड़ना. ये तरीके आपको नकली सोना पहचानने में मदद कर सकते हैं.
घर बैठे ऐसे करें प्योरिटी की जांच
जूलरी बदलवाने पर कैरेट मशीन से शुद्धता जांचें, गलाने के बाद वजन देखें और रसीद लें. हॉलमार्क व यूनिक कोड जरूर चेक करें. BIS सर्टिफिकेट लेना न भूलें ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो.
खरीदते समय रखें ये जरूरी बातें ध्यान में