7 August 2025
Satish Vishwakarma
अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. करोड़ों लोग सबसे पहले फोन चेक करते हैं. ये आदत धीरे-धीरे लत में बदल जाती है, जो मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों को नुकसान पहुंचाती है.
औसतन, एक व्यक्ति रोजाना 5-7 घंटे फोन पर बिताता है. 80% लोग सुबह उठते ही सोशल मीडिया या मैसेजेस चेक करते हैं. इससे नींद, एकाग्रता और आंखों पर असर पड़ता है.
फोन की लत क्यों है गंभीर समस्या?
iPhone या Android में स्क्रीन टाइम फीचर होता है. यह जानना जरूरी है कि आपका कितना समय कहां जा रहा है. तभी आप सुधार की दिशा में बढ़ पाएंगे.
सबसे पहले ट्रैक करें स्क्रीन टाइम
बेडरूम, बाथरूम और खाने की टेबल पर फोन न ले जाएं. सुबह की शुरुआत बिना स्क्रीन के करें. परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं.
बनाएं ‘नो-फोन जोन’
ऐप टाइम लिमिट सेट करें. ग्रेस्केल मोड ऑन करें. गैर-ज़रूरी नोटिफिकेशन बंद करें. केवल जरूरी ऐप्स को ही चलने दें.
फोन की सेटिंग्स से खुद को बचाएं
क्या मैं फोन बोरियत, आदत या जरूरत में इस्तेमाल कर रहा हूं? अगर सोशल मीडिया वक्त बर्बाद कर रहा है, तो ऐप डिलीट करें या समय तय करें.
खुद से पूछें जरूरी सवाल
अगर आपने एक हफ्ता स्क्रीन टाइम कम किया, तो खुद को इनाम दें. बच्चों को फोन से दूर रखने के लिए खेल का समय बढ़ाएं.
बनाएं खुद को मोटिवेट रखने का तरीका
फोन की लत को हराना मुश्किल नहीं है. सिर्फ थोड़ी सी प्लानिंग, थोड़े से नियम और खुद के साथ ईमानदारी से आप जीत सकते हैं.
छोटे बदलाव से बड़ी जीत