सोने में निवेश का नया अंदाज, गोल्ड MF से बिना सोना खरीदे पोर्टफोलियो को दें सेफ्टी

11/12/2025

Kumar Saket

Gold mutual funds सोने में बिना फिजिकल गोल्ड खरीदे निवेश करने का आसान और सुरक्षित तरीका देते हैं, जहां आप SIP या lump sum से छोटी रकम से भी शुरुआत कर सकते हैं. ये महंगाई और मार्केट वोलैटिलिटी के खिलाफ पोर्टफोलियो में सेफ्टी कवच की तरह काम करते हैं, लेकिन कुल निवेश का सीमित हिस्सा ही गोल्ड में रखना समझदारी होती है.

Gold mutual funds

पिछले कुछ सालों में सोने ने जबरदस्त रिटर्न दिए हैं, ऐसे में निवेशक अब सिर्फ फिजिकल गोल्ड नहीं, बल्कि गोल्ड म्यूचुअल फंड की तरफ भी बड़ी तेजी से झुक रहे हैं. ये फंड बिना सोना खरीदे, उसके रेट्स से जुड़े रिटर्न दिलाने की सुविधा देते हैं, इसलिए इन्हें पोर्टफोलियो का सेफ्टी कवर भी कहा जा रहा है.

क्यों चर्चा में हैं गोल्ड म्यूचुअल फंड?

गोल्ड म्यूचुअल फंड ऐसे फंड हैं जो सीधे सोने में नहीं, बल्कि गोल्ड ETF या सोने से जुड़ी एसेट्स में पैसा लगाते हैं. निवेशक SIP या lump sum के जरिए यूनिट खरीदते हैं और NAV के हिसाब से उनका निवेश बढ़ता या घटता है. इन्हें SEBI रेग्युलेट करता है, इसलिए ट्रांसपेरेंसी और नियम-कायदों का पालन सख्ती से होता है.

गोल्ड म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?

यहां न तो स्टोरेज की टेंशन, न चोरी या गुम होने का रिस्क, न मेकिंग चार्ज या प्यूरीटी की चिंता. फिजिकल सोने में बेचने-खरीदने पर मार्जिन ज्यादा कटता है, जबकि फंड में सिर्फ एक्सपेंस रेशियो और छोटी ट्रांजैक्शन कॉस्ट होती है. शादी-ब्याह के लिए ज्वेलरी अलग रखें, लेकिन निवेश के लिए गोल्ड फंड कहीं ज्यादा सुविधाजनक माने जाते हैं.

ये फिजिकल गोल्ड से कैसे अलग हैं?

जिन्हें पोर्टफोलियो में सफ्टी चाहिए, इक्विटी वोलैटिलिटी से बचाव और महंगाई के खिलाफ सुरक्षा चाहिए, उनके लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड अच्छा टूल हैं. फाइनेंशियल प्लानर आम तौर पर 5–10% तक अलोकेशन गोल्ड में रखने की सलाह देते हैं, ताकि मार्केट गिरने पर भी पोर्टफोलियो पूरी तरह न टूटे.

कब और किसके लिए फायदेमंद हैं गोल्ड फंड?

सोने की कीमतें अक्सर तेजी और करेक्शन के चक्र से गुजरती हैं, इसलिए एकमुश्त रकम झोंकने के बजाय SIP बेहतर मानी जाती है. हर महीने छोटी-छोटी किस्तों में निवेश करने से औसत खरीद मूल्य संतुलित रहता है और टाइमिंग का दबाव कम होता है. गिरावट के दौर में भी SIP चलती रहे तो लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न की संभावना बढ़ती है.

निवेश कैसे करें?

फंड का ट्रैक रिकॉर्ड, एक्सपेंस रेशियो, फंड हाउस की विश्वसनीयता और AUM आकार पर नजर रखें. जो निवेशक बहुत सिंपल ऑप्शन चाहते हैं, वे डायरेक्ट गोल्ड ETF चुन सकते हैं. जिनको Demat नहीं खोलना, वे गोल्ड म्यूचुअल फंड के जरिए ETF में इनडायरेक्ट एक्सपोजर ले सकते हैं. आखिर में, गोल्ड को ‘सपोर्टिंग रोल’ में रखें, ‘हीरो’ हमेशा आपके इक्विटी और अच्छी गुणवत्ता वाले डेट निवेश ही होंगे.

सही गोल्ड फंड कैसे चुनें?