ये हैं भारत के सात चर्चित झरने, जो मानसून के दौरान देखने योग्य हैं!

20  July 2025

Kumar Saket

मानसून की बूंदों के साथ भारत के झरने जीवंत हो उठते हैं, जो प्रकृति का जादू बिखेरते हैं. हरे-भरे जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे ये सात झरने—दूधसागर से कुने तक—रोमांच और शांति का अनूठा संगम हैं. बारिश की फुहारों में इनकी गर्जना सुनें, प्रकृति की गोद में खो जाएं और शानदार पल जिएं.

 मानसून के साथ हरियाली 

310 मीटर ऊंचा, "दूध का सागर" मानसून में दूधिया प्रवाह के साथ भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य में चमकता है. घने जंगल, मसाला बागान और गोवा एक्सप्रेस ट्रेन की सैर इसे अविस्मरणीय बनाते हैं. प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है.

दूधसागर झरना, गोवा-कर्नाटक सीमा

253 मीटर ऊंचा, भारत का सबसे ऊंचा एकल झरना. शरावती नदी चार धाराओं (राजा, रानी, रोवर, रॉकेट) में बंटती है. मानसून में भव्यता बढ़ती है, ट्रेकिंग और फोटोग्राफी के लिए शानदार है और पास में वन्यजीव अभयारण्य भी है.

जोग झरना, कर्नाटक

80 फीट ऊंचा, "भारत का नियाग्रा" कहा जाता है.  चालकुडी नदी पर चट्टानों से गिरता यह झरना मानसून में शक्तिशाली दृश्य बनाता है. वर्षावन और वन्यजीव अभयारण्य इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाते हैं.

अथिरापल्ली झरना, केरल

340 मीटर ऊंचा, भारत का सबसे ऊंचा प्लंज झरना है. चेरापूंजी के पास, मानसून में बादल, कोहरा और हरियाली इसे शानदार बनाते हैं. पुल और गुफाएं इसे और आकर्षक बनाती हैं.

नोहकलिकाई झरना, मेघालय

कावेरी नदी से निर्मित, गगनचुक्की और भरचुक्की में बंटता है. मानसून में शक्तिशाली प्रवाह और धुंध इसे लुभावना बनाते हैं. प्रकृति प्रेमी और फोटोग्राफरों के लिए आदर्श, आसपास के दृश्य मनमोहक हैं.

शिवानासमुद्र झरना, कर्नाटक

यह 300 मीटर चौड़ा है. इंद्रावती नदी पर घोड़े की नाल आकार का यह झरना मानसून में गर्जना करता है. घने जंगल और आदिवासी गांव इसे प्राकृतिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करते हैं.

चित्रकोट झरना, छत्तीसगढ़

200 मीटर ऊंचा, लोनावाला में तीन स्तरीय झरना है. मानसून में पश्चिमी घाट की धुंधली पहाड़ियों के बीच शक्तिशाली प्रवाह. शहर से दूर प्रकृति की शांति का आनंद लेने के लिए आदर्श, ताजगी भरा अनुभव देता है.

कुने झरना, महाराष्ट्र