24 July 2025
VIVEK SINGH
15 सितंबर 2025 तक ITR फाइल करना जरूरी है. अगर आपकी इनकम टैक्स छूट सीमा से ऊपर है या TDS कटा है, तो रिफंड पाने के लिए ITR जरूर भरें.
जिनकी सालाना आय ₹2.5 लाख से ज्यादा है या जिनका विदेश में निवेश है, उन्हें ITR भरना अनिवार्य है. साथ ही, भारी खर्च या बड़े बैंक डिपॉजिट वालों को भी रिटर्न भरना चाहिए.
किन लोगों को ITR भरना जरूरी है?
ITR प्रोसेसिंग आमतौर पर 15-45 दिन में हो जाती है. ई-वेरिफिकेशन के बाद प्रोसेस तेजी से होती है, जबकि ऑफलाइन वेरिफिकेशन से इसमें देरी हो सकती है.
ITR प्रोसेसिंग में कितना वक्त लगता है?
गलत फॉर्म भरना, जानकारी अधूरी होना, बैंक डिटेल्स में गड़बड़ी, या TDS व Form 26AS में मिसमैच – ये सब रिफंड प्रक्रिया में देरी की वजह बनते हैं.
रिफंड में देरी के प्रमुख कारण
ITR भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है. बिना इसके आपकी रिटर्न अधूरी मानी जाएगी और रिफंड नहीं आएगा. समय रहते वेरिफिकेशन करें.
ई-वेरिफिकेशन जरूरी है
अगर रिफंड नहीं आया है, तो ITR इंटिमेशन मेल या मैसेज को चेक करते रहें. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से स्टेटस भी ट्रैक कर सकते हैं.
रिफंड स्टेटस और ITR इंटिमेशन चेक करें
रिफंड में देरी हो तो आप [incometax.gov.in](https://www.incometax.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें.
शिकायत कहां और कैसे करें?
अगर गलती से ज्यादा रिफंड आ जाए, तो नया ITR भरकर अतिरिक्त पैसे सरकार को लौटाएं. ऐसा न करने पर नोटिस आ सकता है और जुर्माना भी लग सकता है.
अगर ज्यादा रिफंड आ जाए तो?