23/11/2025
Kumar Saket
घर खरीदना जिंदगी का बड़ा फैसला होता है और इसके लिए सही वित्तीय योजना बनाना बहुत जरूरी है. 5-20-3-40 का नियम आपको बताएगा कि कैसे अपने बजट के अनुसार डाउन पेमेंट, लोन और EMI को संतुलित करें ताकि कर्ज के जाल में फंसने से बचा जा सके.
डाउन पेमेंट का न्यूनतम हिस्सा घर की कुल कीमत का कम से कम 5% पर्सनल फंड के रूप में रखना चाहिए. उदाहरण के लिए, 50 लाख रुपये के घर पर कम से कम 2.5 लाख रुपये नकद होने चाहिए. हालांकि बैंक 20% डाउन पेमेंट की मांग करते हैं, लेकिन यह न्यूनतम राशि है.
5% नियम
होम लोन की राशि घर की कीमत के 80% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यदि घर की कीमत 50 लाख रुपये है, तो लोन 40 लाख रुपये से ऊपर नहीं होना चाहिए जिससे ब्याज का बोझ कम होगा.
20% नियम – लोन की सीमा
घर की कीमत आपकी सालाना आय के तीन गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. जैसे यदि आपकी आय 15 लाख रुपये है तो 45 लाख रुपये तक का घर लेना फायदे वाला और सुरक्षित माना जाता है.
3 गुना नियम
आपकी मासिक EMI आपकी मासिक आय का 40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. मान लीजिए आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है तो EMI 40,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए ताकि बाकी खर्च और बचत पर असर न पड़े.
40% नियम
यह नियम आपको वित्तीय संतुलन बनाए रखने में मदद करता है जिससे आप घर खरीदते समय आर्थिक दबाव में न आएं. सही योजना से आप अपने कर्ज का भुगतान भी आसानी से कर पाएंगे. EMI पर अधिक बोझ डालने से बचें. सही डाउन पेमेंट करें और अपनी बजट योजना के अनुसार कर्ज लें जिससे रिपेमेंट में परेशानी न हो.
वित्तीय संतुलन बनाए रखना जरूरी