24 July 2025
VIVEK SINGH
ऑनलाइन दवा ऑर्डर करने से पहले यह देखना जरूरी है कि क्या वह दवा डॉक्टर की सलाह से ली गई है. खुद से दवा लेना कई बार खतरनाक रिएक्शन का कारण बन सकता है.
हमेशा मान्यता प्राप्त और भरोसेमंद फार्मेसी वेबसाइट से ही दवा खरीदें. लोकल या अनजान साइट से मंगवाई गई दवा नकली या एक्सपायर्ड हो सकती है.
विश्वसनीय फार्मेसी प्लेटफॉर्म ही चुनें
अगर दवा की पैकिंग टूटी-फूटी है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह दवा सेफ नहीं है. सील और पैकिंग सही होनी चाहिए, और डिलीवरी के समय जांच करना जरूरी है.
दवा की पैकिंग की जांच जरूर करें
दवा के पैकेट पर कंपनी का नाम, दवा का नाम, बैच नंबर और मैन्युफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट सही से दर्ज होनी चाहिए. इनमें से कोई भी जानकारी मिस हो तो अलर्ट हो जाएं.
कंपनी और दवा की जानकारी चेक करें
कांच की बोतल में आने वाली दवाएं अगर बिना बबल रैप या कुशनिंग के आती हैं तो उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है. डिलीवरी के समय यह भी जरूर चेक करें.
बबल रैप और कांच की बोतल की सुरक्षा देखें
अगर दवा खाने के बाद कोई साइड इफेक्ट या एलर्जी होती है, तो ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी या स्वास्थ्य विभाग में शिकायत की जा सकती है. यह एक जरूरी कानूनी हक है.
रिएक्शन होने पर कहां करें शिकायत
जब दवा की डिलीवरी हो, तो बॉक्स खोलकर डिलीवरी एजेंट के सामने ही सील और पैकिंग की जांच करें. इससे कोई समस्या हो तो तुरंत रिटर्न का प्रोसेस शुरू किया जा सके.
डिलीवरी बॉय के सामने ही चेकिंग करें
कई बार जो दवा मंगाई जाती है, डिलीवरी में कुछ और मिलती है. इसलिए ऑर्डर की गई दवा और मिली हुई दवा के नाम और डोज का मिलान जरूर करें.
ऑर्डर की गई दवा से मिलान जरूर करें