28/09/2025
Satish Vishwakarma
देश में महिला सुरक्षा का मुद्दा हमेशा चर्चा में रहता है. महिलाएं घर से बाहर निकलते वक्त कितनी सुरक्षित महसूस करती हैं, यह सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला नहीं बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा अहम पहलू है. इसी को समझने के लिए NCW हर साल NARI रिपोर्ट जारी करता है.
2025 की NARI रिपोर्ट में 31 शहरों की महिलाओं से राय ली गई, जिनमें से कई शहर सुरक्षा के मामले में आगे निकले हैं. आइए जानते हैं वो शहर कौन से हैं.
कैसे तैयार हुआ रिपोर्ट?
कोहिमा को महिलाओं के लिए देश का सबसे सुरक्षित शहर माना गया है. यहां अपराध दर बेहद कम है और शहर का माहौल शांतिपूर्ण है. संगठित व्यवस्था और अनुशासित वातावरण इसे महिलाओं के लिए भरोसेमंद जगह बनाता है.
कोहिमा, नागालैंड
समुद्री खूबसूरती के लिए मशहूर विशाखापट्टनम सुरक्षा के लिहाज से भी आगे है. यहां बेहतर पुलिसिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्ट्रीट लाइट और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए गए जागरूकता अभियान इसे सुरक्षित शहरों की लिस्ट में शामिल करते हैं.
विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)
टेंपल सिटी भुवनेश्वर में अपराध रेट काफी कम है. यहां आधुनिक शहरी योजना, अच्छी स्ट्रीट लाइटिंग, पुलिस की एक्टिविटी मौजूदगी और सामुदायिक कार्यक्रम महिलाओं को सुरक्षा का एहसास कराते हैं.
भुवनेश्वर (ओडिशा)
पहाड़ियों में बसा शांत शहर आइजोल अपनी शांतिपूर्ण कॉलोनियों और मजबूत समुदायिक रिश्तों के लिए जाना जाता है. यहां महिलाओं के खिलाफ अपराध बेहद कम दर्ज होते हैं. यही वजह है कि यह देश के सबसे सुरक्षित शहरों में गिना जाता है.
आइजोल (मिजोरम)
गंगटोक को साफ-सफाई और अनुशासित ट्रैफिक के लिए जाना जाता है. यहां मजबूत सामुदायिक मूल्य और कम अपराध दर इसे महिलाओं के लिए सेफ बनाते हैं.
गंगटोक (सिक्किम)
ईटानगर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बेहद कम दर्ज होती हैं. रोशनी से जगमग सड़कें, सामुदायिक सहभागिता और महिलाओं की भागीदारी इस शहर को महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल देती है.
ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश)
दिल्ली इस रिपोर्ट में शामिल तो है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के मामले में अभी भी टॉप शहरों में जगह नहीं बना पाई है. खराब स्ट्रीट लाइटिंग, कम सुरक्षा और असुरक्षा की भावना दिल्ली में महिलाओं की बड़ी चिंता बनी हुई है.
दिल्ली का हाल?