यंगस्टर्स के लिए स्मार्ट सेविंग की ये है आसान टिप्स

16 August 2025

Satish Vishwakarma 

हर युवा चाहता है कि वह जल्दी आर्थिक रूप से आजाद हो जाए और पैसों की चिंता से मुक्त होकर अपने सपनों को जी सके. लेकिन निवेश की दुनिया में कदम रखते ही कई बार उलझनें सामने आती हैं. ऐसे में सही दिशा और समझदारी भरे फैसले ही हमारे इन्वेस्टमेंट को आसान बना सकते हैं.

फाइनेंशियल फ्रीडम

युवाओं के पास समय का सबसे बड़ा फायदा होता है. जितनी जल्दी आप इक्विटी में निवेश शुरू करते हैं, उतना ही ज्यादा कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है. अगर आप लंबी अवधि के लिए सोच रहे हैं, तो अपनी सेविंग्स का 60 से 80 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में लगा सकते हैं. 

समझदारी से करें निवेश

फिक्स्ड डिपॉजिट या बॉन्ड जैसे ऑप्शन सुरक्षित तो हैं, लेकिन उनका रिटर्न सीमित होता है. वहीं, इक्विटी न सिर्फ लंबे समय में ज्यादा रिटर्न देती है, बल्कि महंगाई के असर से भी बचाती है. कंपनियां बढ़ती कीमतों के हिसाब से अपने प्रोडक्ट और सर्विस एडजस्ट कर लेती हैं.

Equity क्यों है बेहतर?

फाइनेंशियल फ्रीडम सिर्फ कमाई और निवेश से नहीं आती, बल्कि खर्चों पर कंट्रोल से भी जुड़ी है. अपनी इनकम को बांटने के लिए 50/30/20 का नियम काफी कारगर है.

 खर्चों पर करें कंट्रोल

इसका मतलब है कि आप अपनी कमाई का 50 प्रतिशत जरूरी खर्चों पर, 30 प्रतिशत अपनी पसंद और लाइफस्टाइल पर और बाकी 20 प्रतिशत सेविंग व निवेश पर लगाएं.

क्या है 50/30/20 का नियम

अचानक आई मुसीबतें जैसे मेडिकल इमरजेंसी, नौकरी खोना या घर-गाड़ी की बड़ी मरम्मत अक्सर वित्तीय योजना को बिगाड़ देती हैं. इसलिए तीन से छह महीने के खर्च जितनी रकम को इमरजेंसी फंड के तौर पर अलग रखना चाहिए.

Emergency Fund बनाना है जरूरी

आजकल बढ़ते मेडिकल खर्च किसी की भी सेविंग्स को चुटकियों में खत्म कर सकते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस आपको इन अचानक आने वाले खर्चों से बचाता है. भले ही कंपनी आपको बीमा दे, फिर भी एक पर्सनल पॉलिसी होना जरूरी है.

 सुरक्षा की ढाल

सिर्फ निवेश करना काफी नहीं है, बल्कि उसके पीछे एक ठोस योजना भी होनी चाहिए. सबसे पहले अपने लंबे समय के लक्ष्य तय करें और यह सोचें कि उन्हें पूरा करने के लिए हर महीने कितना बचाना होगा.

फाइनेंशियल प्लान