क्या होता है चार्ज-ऑफ और क्यों बिगाड़ता है आपकी क्रेडिट रिपोर्ट?

22/09/2025

Satish Vishwakarma

क्रेडिट कार्ड या लोन का पेमेंट लगातार न करने पर बैंक आपका अकाउंट चार्ज-ऑफ कर सकता है. यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में सबसे खराब एंट्री होती है और 7 साल तक आपके साथ बनी रह सकती है. जानिए इसका असर और इससे निकलने के तरीके. 

 सबसे बड़ा दाग

क्रेडिट रिपोर्ट में चार्ज-ऑफ सबसे गंभीर एंट्री होती है. यह आपकी क्रेडिट स्कोर और फ्यूचर में लोन लेने की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित करती है.

चार्ज-ऑफ क्या है? 

जब 6 महीने या उससे ज्यादा समय तक पेमेंट न किया जाए, तो बैंक अकाउंट को लिख-ऑफ कर देता है. इसका मतलब कर्ज माफ होना नहीं है, बल्कि आपको पैसा अब भी चुकाना होता है. बैंक कलेक्शन जारी रख सकता है या कर्ज को थर्ड-पार्टी एजेंसी को बेच सकता है. 

चार्ज-ऑफ का मतलब 

 यह आपके क्रेडिट स्कोर को काफी नीचे ले जाता है. इससे लोन, क्रेडिट कार्ड या होम लोन लेना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा अगर लोन मिल भी जाए तो उस पर ज्यादा ब्याज और सख्त शर्तें होती हैं.

क्या होता है नुकसान? 

चार्ज-ऑफ एंट्री आम तौर पर 7 साल तक क्रेडिट रिपोर्ट में रहती है. पेमेंट क्लियर करने के बाद भी यह हटती नहीं, बस Paid या Settled के रूप में अपडेट हो सकती है.

 चार्ज-ऑफ का रिकॉर्ड?

 गलत तारीख, राशि या अकाउंट होने पर क्रेडिट ब्यूरो से शिकायत करें. कुछ मामलों में बैंक सुलह के बाद एंट्री को हटाने या बदलने पर सहमत हो सकता है. हालांकि यह गारंटी नहीं है. 

चार्ज-ऑफ एंट्री गलत हो तो क्या करें?

बकाया कर्ज खत्म करें ताकि कलेक्शन न बढ़े. आगे के सभी लोन और बिल समय पर चुकाएं. कर्ज पर निर्भरता कम करें और कार्ड उपयोग 30 फीसदी से नीचे रखें. सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें और समय पर पेमेंट करें. 

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