22/09/2025
Satish Vishwakarma
जब कार्ड होल्डर क्रेडिट कार्ड का न्यूनतम बिल भी समय पर नहीं चुकाता, तो इसे क्रेडिट कार्ड डिलिंक्वेंसी कहा जाता है. यह आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर बड़ा निगेटिव असर डालती है.
अगर आप पेमेंट मिस करते हैं, तो बैंक क्रेडिट ब्यूरो (CIBIL, Experian, CRIF, Equifax) को रिपोर्ट करते हैं. इससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर जाता है और पर्सनल लोन, होम लोन या नया कार्ड लेना मुश्किल हो जाता है.
लोन लेना हो जाएगा मुश्किल
30 दिन से ज्यादा देरी होने पर आपको पेनाल्टी और ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है. इससे आपका कर्ज बढ़ता चला जाता है और रिपेमेंट और कठिन हो जाता है.
जुर्माना और ज्यादा ब्याज दर
बार-बार पेमेंट न करने पर अकाउंट डिफॉल्ट में चला जाता है. इससे कानूनी नोटिस, ब्लैकलिस्टिंग और लंबे समय तक फाइनेंशियल नुकसान हो सकता है.
लगातार मिस्ड पेमेंट के नतीजे
मार्च 2025 तक भारत में क्रेडिट कार्ड डिलिंक्वेंसी 44 फीसदी बढ़कर 33,886 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. यह दिखाता है कि लोग रोजमर्रा के खर्चों के लिए ज्यादा कर्ज पर निर्भर हो रहे हैं.
भारत में बढ़ती डिलिंक्वेंसी
जब डिलिंक्वेंसी बढ़ती है, तो बैंक लोन देने में सख्ती करते हैं. कर्ज लेना महंगा हो जाता है और सरकार लोगों को जिम्मेदारी से लोन चुकाने के लिए जागरूक करती है.
अर्थव्यवस्था पर असर