3 August 2025
Satish Vishwakarma
रिटायरमेंट लाइफ का एक ऐसा दौर होता है जहां आपकी नियमित आय बंद हो जाती है, लेकिन खर्चे कम नहीं होते. स्वास्थ्य, परिवार और जीवनशैली से जुड़े खर्चे लगातार बने रहते हैं. ऐसे में म्यूचुअल फंड्स आपको महंगाई को मात देने वाले रिटर्न्स देने की क्षमता रखते हैं.
अगर आपकी रिटायरमेंट अभी कम से कम 7 से 10 साल दूर है, तो आप थोड़ा अधिक जोखिम लेकर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाते हैं. हाई रिटर्न दे सकते हैं.
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स
जब रिटायरमेंट करीब आता है, तो पूरे पैसे को इक्विटी में रखना जोखिम भरा हो सकता है. ऐसे में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स एक बेहतरीन विकल्प बनते हैं. ये फंड्स आपके पैसों को इक्विटी, डेट और कभी-कभी सोने जैसे एसेट्स में संतुलित रूप से निवेश करते हैं.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स
रिटायरमेंट के नजदीक आने पर पूंजी की सुरक्षा सबसे जरूरी हो जाती है. ऐसे समय में डेट म्यूचुअल फंड्स आपके पोर्टफोलियो में स्थिरता लाते हैं. ये फंड्स सरकारी बॉन्ड, ट्रेजरी बिल और कॉरपोरेट बॉन्ड्स जैसी निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं.
डेट म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो सोने की कीमत को ट्रैक करते हैं और निवेशक को डिजिटल रूप में सोने का एक्सपोजर देते हैं. ये फंड महंगाई, आर्थिक संकट या भू-राजनीतिक अनिश्चितता के समय सुरक्षा प्रदान करते हैं क्योंकि इनका इक्विटी से सीधा संबंध नहीं होता.
गोल्ड ईटीएफ
रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत जितनी जल्दी करें, उतना बेहतर होता है. जल्दी शुरुआत करने से आपको हर महीने कम रकम निवेश करनी पड़ेगी और कंपाउंडिंग का फायदा भी अधिक मिलेगा
निवेश से पहले ध्यान रखें
हर उम्र में निवेश का तरीका बदलना चाहिए. अगर आप 30 से 40 साल के बीच हैं, तो आप 80 फीसदी तक निवेश इक्विटी में रख सकते हैं क्योंकि आपके पास समय है. 40 से 50 की उम्र में आपको थोड़ा सतर्क होना चाहिए इक्विटी 60%, हाइब्रिड 25%, डेट और गोल्ड को 15% तक जगह दें सकते हैं.
उम्र के अनुसार फंड अलोकेशन