ड्रोन से लेकर IoT तक: एग्रीकल्चर में टेक्नोलॉजी बूम, नई तकनीकें बदल रही हैं खेती की परिभाषा
भारत में एग्रीकल्चर तेजी से बदल रहा है और किसान अब ड्रोन, IoT सेंसर और स्मार्ट इरिगेशन जैसे आधुनिक समाधानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ड्रोन मैपिंग और स्प्रेइंग को आसान बना रहे हैं, जबकि IoT सेंसर मिट्टी की नमी, तापमान और न्यूट्रिएंट्स का रियल-टाइम डेटा देते हैं. नई तकनीकें किसानों की लागत घटाकर खेती को अधिक सुरक्षित और लाभदायक बना रही हैं.
एग्रीकल्चर में हो रहा तेजी से बदलाव भारत में एग्रीकल्चर में तेजी से बदलाव हो रहा है. किसान अब नई-नई तकनीक का इस्तेमाल करके न सिर्फ मेहनत और पैसों की बचत कर रहे हैं, बल्कि ज्यादा पैदावार भी ले रहे हैं. आज AI और सेंसर का जमाना है, और किसान इसे अपनाकर स्मार्ट खेती कर रहे हैं. कई तकनीकें आज मौजूद हैं, जो खेती के काम को आसान बना रही हैं.
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ड्रोन का इस्तेमाल खेती में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और यह किसानों के लिए बड़ी तकनीकी क्रांति साबित हो रहा है. ड्रोन से खेतों की मैपिंग, फसल का हेल्थ स्कैन, पानी और खाद की जरूरत का अंदाजा, साथ ही स्प्रेइंग का काम बेहद सटीक तरीके से किया जाता है. इससे समय, मेहनत और मजदूरी- तीनों की बचत होती है. आधुनिक खेती में ड्रोन तकनीक किसानों को स्मार्ट, सुरक्षित और अधिक लाभदायक खेती का नया विकल्प दे रही है.
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IOT सेंसर IOT सेंसर खेती को और अधिक स्मार्ट और कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये सेंसर खेत की मिट्टी की नमी, तापमान, आर्द्रता और पोषक तत्वों की रियल-टाइम जानकारी किसानों तक पहुंचाते हैं. डेटा के आधार पर किसान सिंचाई, खाद और कीटनाशक का सही समय और सही मात्रा तय कर पाते हैं. इससे संसाधनों की बचत होती है और फसल उत्पादन बढ़ता है. IOT सेंसर मौसम के बदलाव और संभावित जोखिमों की भी चेतावनी देते हैं, जिससे नुकसान कम होता है.
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सेंसर-बेस्ड खेती सेंसर-बेस्ड खेती में सामान्य सेंसर खेत में लगाए जाते हैं, जो नमी, तापमान या पोषक तत्व मापते हैं, लेकिन कई बार ये इंटरनेट से जुड़े नहीं होते. डेटा स्थानीय डिवाइस पर ही मिलता है. सेंसर-बेस्ड एग्रीकल्चर खेती को ज्यादा स्मार्ट और सटीक बनाने वाली आधुनिक तकनीक है. ये सेंसर रियल-टाइम डेटा किसान तक पहुंचाते हैं, जिससे सिंचाई, खाद, दवाई और फसल प्रबंधन बिल्कुल सही समय पर किया जा सके. इससे पानी और इनपुट्स की बचत होती है, उत्पादन बेहतर होता है और लागत कम आती है.
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सिंचाई में नई टेक्नोलॉजी सिंचाई में नई टेक्नोलॉजी किसानों को पानी की बचत, बेहतर उत्पादन और सटीक खेती का बड़ा फायदा दे रही है. स्मार्ट ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर सिस्टम, ऑटोमेटेड वाल्व, सोलर पंप और IOT-बेस्ड वाटर कंट्रोल जैसी तकनीकें खेत में जरूरत के अनुसार ही पानी पहुंचाती हैं. मिट्टी की नमी सेंसर और मौसम आधारित सिस्टम पानी की सही मात्रा और सही समय तय करते हैं, जिससे फसल की ग्रोथ बेहतर होती है और पानी की बर्बादी लगभग खत्म हो जाती है.