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Income Tax Notice: क्यों आता है, कितने प्रकार होते हैं और क्या करना चाहिए? जानें सबकुछ
इनकम टैक्स नोटिस क्यों मिलता है, कौन-कौन से सेक्शन के नोटिस भेजे जाते हैं और उनके जवाब में आपको क्या कदम उठाने चाहिए. इस विस्तृत गाइड में नोटिस के कारण, प्रकार, प्रक्रिया और समाधान पूरी तरह आसान भाषा में समझें.
50-30-20 का फॉर्मूला जानते हैं आप? पैसे बचाने में है मददगार, खर्च पर भी करता है कंट्रोल
50-30-20 का फॉर्मूला एक आसान और सही तरीका है. यह नियम हमारी इनकम को तीन हिस्सों में बांटकर खर्च और बचत दोनों पर कंट्रोल करने में मदद करता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह किसी भी इनकम क्लास के लोगों के लिए काम करता है और हमारी लाइफस्टाइल के अनुसार लचीला भी है.
5 साल नहीं… अब एक साल की सर्विस पर ही मिलेगी ग्रेच्युटी, सरकार ने बदला नियम; क्या आपको मिलेगा फायदा?
New Labour Code Gratuity: सरकार द्वारा घोषित लेबर रिफॉर्म का मकसद सभी सेक्टर में ग्रेच्युटी पेमेंट में ज्यादा क्लैरिटी और फेयरनेस लाना है. फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी अब सिर्फ एक साल की लगातार सर्विस के बाद ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबल हो जाएंगे.
Aadhaar Card Update: UIDAI Aadhaar को लेकर हुआ सख्त, अब नहीं हो सकेगा Scam!
UIDAI ने Aadhaar सिस्टम में बड़े सुरक्षा बदलाव किए हैं. अब पहचान सत्यापन में QR आधारित प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे scam और data misuse की संभावना कम होगी. नए नियम लोगों की प्राइवेसी, authentication और सुरक्षा को और मजबूत बनाने पर केंद्रित हैं.
New labour code: IT कर्मचारियों को हर महीने की 7 तारीख तक मिलेगी सैलरी, महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट का रास्ता साफ
न्यू लेबर कोड 2025 के लागू होने से आईटी कर्मचारियों को हर महीने की 7 तारीख तक सैलरी मिलना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे समय पर वेतन सुनिश्चित होगा. नए प्रावधान महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट का रास्ता भी खोलते हैं, जहां सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट जैसी सुविधाएं अनिवार्य रहेंगी. सरकार द्वारा लागू किए गए चार लेबर कोड 29 पुराने कानूनों को इंटीग्रेटेड कर श्रम व्यवस्था को सरल बनाते हैं.
क्या है नया लेबर कानून, जिससे गिग वर्कर्स से लेकर इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा, जानें एक-एक फायदे
सरकार ने चार नए लेबर कोड लागू कर दिए हैं, जो 21 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गए हैं. इनमें वेतन पर कोड (2019). इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020). सोशल सिक्योरिटी कोड (2020). और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (2020) शामिल हैं. इनके लागू होने से 29 पुराने केंद्रीय श्रम कानून खत्म हो गए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इससे गिग वर्कर्स से लेकर किन कर्मचारियों को फायदा मिलेगा साथ ही सभी के एक-एक फायदे क्या हैं.
8वें वेतन के बजट का आ गया कैलकुलेशन, 25% बढ़ी सैलरी के लिए चाहिए इतना पैसा, 2.5 करोड़ कर्मचारियों को फायदा
8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट अगले 18 महीने में आने की उम्मीद है और इसे जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है. अनुमान है कि केंद्र और राज्यों पर हर साल कुल 3.7 से 3.9 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इसमें वेतन और पेंशन में 20 से 25 प्रतिशत बढ़ोतरी शामिल है. केंद्र पर 1.4 लाख करोड़ और राज्यों पर 2.3 से 2.5 लाख करोड़ रुपये का दबाव बढ़ेगा, जिससे वित्तीय घाटा भी बढ़ सकता है.
8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस पर बढ़ा विवाद, पेंशनर्स ने उठाए सवाल, जल्द लागू करने की मांग हुई तेज
8वें वेतन आयोग के ToR जारी होने के बाद लागू होने की तारीख न जोड़ने पर कर्मचारी और पेंशनर्स नाराज हैं. संगठनों का कहना है कि 1 जनवरी 2026 से लागू होने की घोषणा जरूरी है. Bharat Pensioners Samaj ने सरकार को पत्र लिखकर पेंशन को बोझ बताने वाले शब्द हटाने, OPS-NPS की समीक्षा करने और GDS को शामिल करने की मांग की है.
करते हैं 5000 रुपये की SIP, ये गणित देखा क्या, 2 साल में 11 लाख का नुकसान! जानें कहां हुई चूक
निवेश की दुनिया में निवेश की रकम के साथ टाइम पीरियड वैल्यूएबल एसेट है. आप 25 साल की उम्र में महज 5,000 रुपये मासिक SIP शुरू करते हैं 60 साल की उम्र तक आप करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन यही निवेश अगर 30 साल की उम्र में शुरू किया जाए, तो आपके कॉर्पस में लाखों रुपयों का नुकसान होगा.
8वें वेतन आयोग में केवल रोटी, कपड़े, मकान ही नहीं, अब मोबाइल और इंटरनेट बिल भी जोड़े जाएं; मिनिमम सैलरी के लिए स्टाफ साइड की मांग
8वें वेतन आयोग से पहले स्टाफ साइड ने न्यूनतम वेतन तय करने के लिए नया और आधुनिक फॉर्मूला सुझाया है. इसमें भोजन, कपडे और आवास के अलावा मोबाइल, इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं जैसे जरूरी खर्च शामिल करने की मांग की गई है. 7वें वेतन आयोग ने 1957 के ILC स्टैंडर्ड अपनाए थे, जो आज की जरूरतों को कवर नहीं करते.