अगर आप एक नया घर, फ्लैट, या बंगलो खरीदना चाहते हैं तो यह आपके लिए है. इससे अंडर-कंस्ट्रक्शन या रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी के लिए ले सकते हैं. होम लोन किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को घर खरीदने, बनाने, सुधारने या घर को बड़ा करने के लिए बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से मिलता है. इसमें उधार ली गई राशि पर फिक्स्ड या फ्लोटिंग रेट के हिसाब से ब्याज देना होता है. EMI के रूप में आप मूलधन और ब्याज का भुगतान हर महीने करते हैं.
अगर आपके पास पहले से जमीन का प्लॉट है और आप उस पर घर बनाना चाहते हैं, तो यह लोन आपके लिए है. बैंक आपको घर बनाने के हर फेज के लिए पैसा उपलब्ध कराता है.
अगर आपका घर पुराना हो गया है और आप उसकी मरम्मत, पेंटिंग, टाइलिंग या छत की मरम्मत जैसे काम करना चाहते हैं, तो यह लोन आपके काम आएगा.
परिवार बड़ा हो रहा है और जगह कम लग रही है? यह लोन आपके घर में एक नया कमरा, फ्लोर, या बाथरूम जोड़ने में मदद करेगा. अगर किचन को बड़ा करना चाहते हैं या बच्चों के लिए एक स्टडी रूम बनाना चाहते हैं? ऊपर एक कमरा निकालना चाहते हैं तो होम एक्सटेंशन लोन के लिए अप्लाई करें.
अगर आपका सपना खुद की जमीन खरीदकर अपना घर बनाने का है तो प्लॉट लोन आपके लिए काम की चीज है. लेकिन ध्यान रहे यह लोन केवल प्लॉट खरीदने के लिए है, घर बनाने के लिए नहीं.
आपने पहले ही किसी बैंक से होम लोन लिया है लेकिन अब आपको लगता है कि किसी दूसरे बैंक से सस्ती ब्याज दर पर लोन मिल सकता है तो आप बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं. इससे कम ब्याज दर, बेहतर शर्तें, और ज्यादा बचत हो सकती है.
होम लोन टेन्योर या अवधि का मतलब है आपकी लोन चुकाने की कुल अवधि. यह वह समय है जिसमें आप बैंक से लिए गए लोन (मूलधन और ब्याज) को पूरी तरह से चुका देंगे. होम लोन के रिपेमेंट की न्यूनतम अवधि 2 साल हो सकती. होम लोन चुकाने की न्यूनतम अवधि बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. होम लोन चुकाने का मैक्सिमम टेन्योर 30 साल का हो सकता है. अगर आपने लोन लंबे समय के लिए लिया है तो इससे आपकी EMI कम हो जाती है. लेकिन ध्यान रहे लंबी अवधि में ब्याज अधिक चुकाना पड़ता है. अगर आपने छोटी अवधि के लिए लोन लिया है तो EMI ज्यादा बनेगी, कुछ बैंक ज्यादा ब्याज भी लेते हैं. लेकिन लोन जल्दी खत्म हो जाता है.
रिटायरमेंट से पहले लोन चुकाना जरूरी है. अगर रिटायरमेंट दूर है, तो लंबी अवधि चुन सकते हैं. अगर लोन राशि बड़ी है (जैसे ₹25 लाख या ज्यादा), तो लंबी अवधि लें ताकि EMI आराम से भर सकें. लंबी अवधि में आपको कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है. छोटी अवधि में ब्याज कम चुकाना होता है. अगर आपकी आय या इनकम ज्यादा है, तो आप जल्दी लोन चुका सकते हैं और छोटी अवधि चुन सकते हैं. कम आय होने पर लंबी अवधि बेहतर है. प्लॉट लोन, होम रेनोवेशन लोन जैसे अलग-अलग प्रकार के लोन के लिए अवधि भी अलग हो सकती है.
अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपका रोजगार स्थिर होना जरूरी है, क्योंकि आपको हर महीने EMI चुकानी होती है. अप्लाई करने के समय आपकी उम्र 21 साल से अधिक होनी चाहिए और लोन चुकाने तक आपकी उम्र 65 साल से कम होनी चाहिए (या आपकी रिटायरमेंट की उम्र से पहले). आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज होने चाहिए. जैसे, रोजगार का प्रमाण और वित्तीय स्थिरता के दस्तावेज. वहीं डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मैनेजमेंट कंसल्टेंट आदि जैसे प्रोफेशनल्स भी होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. उम्र 21 से 65 साल के बीच होनी चाहिए. जरूरी दस्तावेजों में उनके पेशे से जुड़े प्रमाण शामिल होते हैं, जैसे, प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन सर्टिफिकेट, प्रैक्टिस करने का प्रमाण पत्र (Proof of Practice). यदि आप बिजनेस करते हैं या खुद का कोई काम करते हैं तो यह जरूरी है कि आप अपनी इनकम का प्रूफ दें. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और बैंक स्टेटमेंट्स जैसे दस्तावेज आपके इनकम के जरिए को प्रमाणित करते हैं. आपकी उम्र लोन लेने के समय 21 साल से ऊपर और लोन चुकाने तक 65 साल से कम होनी चाहिए.
पहचान का प्रमाण (Proof of Identity) जैसे पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, या आधार कार्ड दे सकते हैं. पते का प्रमाण (एड्रेस प्रूफ) के तौर पर आप बिजली बिल, आधार कार्ड या पासपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इनकम प्रूफ के तौर पर सैलरीड लोग पिछले 3 महीने की सैलरी स्लिप्स और फॉर्म 16 दे सकते हैं. बिजनेस है या स्व-रोजगार करते हैं इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट देना होगा. इसके अलावा आपको प्रॉपर्टी के दस्तावेज के तौर पर सेल एग्रीमेंट, टाइटल डीड या बिल्डिंग प्लान का अप्रूवल देना होगा.