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सोने से तेज, चांदी की चमक… जानें Silver Stocks में निवेश करने का स्मार्ट और सेफ तरीका
चांदी के स्टॉक्स 2025 में सोने के स्टॉक्स से आगे रहे. इसका मतलब यह नहीं कि हमेशा ऐसा होगा. यह सिर्फ यह दिखाता है कि निवेशकों का नजरिया बदल रहा है. भारत में चांदी स्टॉक्स में निवेश करते समय साफ समझ होना जरूरी है कि आप उद्योग और कमोडिटी चक्र के जोखिम को खरीद रहे हैं. सही समय और सही कंपनी चुनकर यह अच्छा लाभ दे सकता है, लेकिन जल्दी घट भी सकता है.
ETF मार्केट ने रचा इतिहास, AUM 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा; ट्रेडिंग वॉल्यूम में सात गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी
भारत के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF बाजार ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए AUM 10 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है. Zerodha Fund House के मुताबिक, बीते तीन वर्षों में ETF इंडस्ट्री का AUM दोगुना हुआ है, जबकि ट्रेडिंग वॉल्यूम सात गुना से ज्यादा बढ़ा है. वित्त वर्ष 2024-25 में ETF ट्रेडिंग वॉल्यूम 3.83 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
ग्रीन एनर्जी से लेकर टेक्नोलॉजी तक ने बढ़ाई सिल्वर म्यूचुअल फंड्स की चमक, 2026 की बन सकती है बड़ी इन्वेस्टमेंट थीम
साल 2025 में मजबूत प्रदर्शन के बाद सिल्वर एक बार फिर निवेशकों के फोकस में आ गया है. अब सिल्वर को केवल गोल्ड का विकल्प नहीं, बल्कि एक उभरती इन्वेस्टमेंट थीम के रूप में देखा जा रहा है. इंडस्ट्रियल डिमांड, ग्रीन एनर्जी, सोलर पावर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ते उपयोग ने सिल्वर म्यूचुअल फंड्स को 2026 के लिए आकर्षक विकल्प बना दिया है.
बाजार डगमगाया, लेकिन भरोसा नहीं टूटा… 2025 में SIP पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पार, निवेशकों ने दिखाया लंबी रेस का दम
साल 2025 में म्यूचुअल फंड योजनाओं में SIP के जरिए कुल ₹3.04 लाख करोड़ का निवेश हुआ है. यह आंकड़ा नवंबर 2025 तक का है. तुलना करें तो पूरे साल 2024 में SIP निवेश ₹2.69 लाख करोड़ रहा था. यानी एक साल में निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है.
40 लाख का होम लोन या 40000 की SIP, कैलकुलेशन से पहले जानें ये सीक्रेट, तब मिलेगा असली फायदा
घर खरीदना लोगों का एक फाइनेंशियल गोल होता है, लेकिन बढ़ती प्रॉपर्टी कीमतों के बीच यह आसान नहीं. ज्यादातर लोग होम लोन लेते हैं, जिससे तुरंत घर तो मिल जाता है, पर EMI का लंबा बोझ पड़ता है. अब कई लोग SIP जैसे नए विकल्प अपना रहे हैं. उसी EMI रकम को SIP में लगाकर बड़ा फंड बनाया जा सकता है और बेहतर रिटर्न भी मिल सकता है.
डेली, मंथली या तिमाही SIP… कौन देती है ज्यादा फायदा? 15 साल की पूरी कैलकुलेशन यहां देखें
आजकल कई निवेशक डेली SIP की ओर आकर्षित हो रहे हैं. उनका मानना है कि अगर हर दिन निवेश किया जाए, तो बाजार की हर छोटी गिरावट का फायदा मिलेगा और रिटर्न अपने आप बेहतर हो जाएगा. लेकिन क्या सच में ऐसा होता है? अगर डेली SIP साल में 365 बार निवेश करता है और मंथली SIP सिर्फ 12 बार, तो फर्क तो दिखना ही चाहिए.
Lumpsum ने दिया झटका, SIP ने बचाया पैसा! 2025 में MF निवेशकों को क्या दे गया सबक; 2026 में क्या बदलना चाहिए?
जनवरी 2025 में कुल 279 इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लंपसम निवेश किया गया. इनमें से 181 फंड्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिया, जबकि 98 फंड्स ने नेगेटिव रिटर्न दिया. सबसे अच्छा रिटर्न करीब 14 फीसदी रहा, जबकि सबसे ज्यादा नुकसान लगभग 20 फीसदी तक देखा गया.
Parag Parikh vs HDFC Flexi Cap Fund: लॉन्ग टर्म में किसने भरी जेब, कौन शॉर्ट टर्म का राजा, किसके SIP में दम
फ्लेक्सी-कैप म्यूचुअल फंड्स ने हाल के वर्षों में निवेशकों के बीच खास भरोसा बनाया है, क्योंकि इनमें हर मार्केट साइकिल के अनुसार निवेश की आजादी होती है. इसी कैटेगरी के दो दिग्गज फंड पराग पारिख फ्लेक्सी कैप और HDFC फ्लेक्सी कैप लॉन्ग टर्म और SIP निवेश में शानदार परफॉर्मेंस के लिए जाने जाते हैं.
ICICI Prudential ने पेश किया निवेश का ‘VIP क्लब’, SIF स्पेस में रखा कदम; SEBI के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल
SIF यानी स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड, म्यूचुअल फंड और वैकल्पिक निवेश फंड (AIF) के बीच की एक नई कैटेगरी है. इसमें निवेश का न्यूनतम अमाउंट ₹10 लाख रखा गया है. यानी यह छोटे निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि अमीर और अनुभवी निवेशकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
आज नहीं तो कभी नहीं! SIP में 1 साल की देरी कैसे आपकी रिटायरमेंट में ला देती है करोड़ों का फर्क
निवेश में समय सबसे बड़ा हथियार है. जितनी जल्दी निवेश शुरू होता है, उतनी ही तेजी से पैसा अपने ऊपर पैसा बनाता है. इसे कंपाउंडिंग कहते हैं.निवेश देर से शुरू करने का मतलब है कि बाद में ज्यादा पैसा डालना पड़ेगा. अक्सर लोग कहते हैं, अगली सैलरी हाइक के बाद निवेश करेंगे. समस्या यह है कि सैलरी बढ़ने के साथ खर्च भी बढ़ जाता है.