इंश्योरेंस समाचार
सिर्फ ऑनलाइन टिकट वालों को ही दुर्घटना बीमा क्यों? यात्रियों से भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट का रेलवे से सवाल
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन रेलवे से पूछा है कि आखिर दुर्घटना बीमा सिर्फ ऑनलाइन टिकट लेने वालों को ही क्यों मिलता है, जबकि काउंटर से टिकट खरीदने वाले इस सुविधा से वंचित क्यों रहते हैं. यह सवाल उस समय उठा जब सुप्रीम कोर्ट रेलवे से जुड़े एक दुर्घटना मुआवजा मामले की सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अदालत के सामने यह तथ्य रखा गया कि मौजूदा व्यवस्था में दुर्घटना बीमा केवल ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले यात्रियों के लिए उपलब्ध है.
इंश्योरेंस सेक्टर में होगा बड़ा बदलाव! सरकार 100% FDI की तैयारी में, शीतकालीन सत्र में आएगा ऐतिहासिक बिल
सरकार इस शीतकालीन सत्र में इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश की सीमा 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का प्रस्ताव पेश करने जा रही है. Insurance Laws (Amendment) Bill 2025 के जरिए बीमा कवरेज, निवेश और सेक्टर की ग्रोथ को मजबूती देने का लक्ष्य है.
हेल्थ इंश्योरेंस फ्रॉड में हर साल ₹10,000 करोड़ हो रहे स्वाहा! Medi Assist–BCG की रिपोर्ट ने खोले राज
भारत के हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में हर साल 8,000–10,000 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि फ्रॉड, फिजूल खर्च और सिस्टम के दुरुपयोग के कारण बर्बाद हो रही है. Medi Assist और BCG की रिपोर्ट बताती है कि रिटेल पॉलिसियां, रीइम्बर्समेंट क्लेम और मिड-टिकट मेडिकल बिल सबसे बड़े फ्रॉड हॉटस्पॉट बन चुके हैं.
इन 2 सरकारी इंश्योरेंस स्कीम में मिलेगा 3 लाख का फायदा! अभी लगते हैं 20 और 436 रु, जानें पूरा प्लान
सरकार PMJJBY और PMSBY में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. इन दोनों बीमा योजनाओं में कवर दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक करने का विकल्प दिया जा सकता है, जिसके लिए ग्राहकों को ज्यादा प्रीमियम देना होगा. सरकार चाहती है कि ये योजनाएं ज्यादा सरल और प्रभावी बनें. साथ ही, तीन साल का प्रीमियम एक साथ भरने और डिजिटल माध्यम से रिन्यूअल आसान करने जैसे सुझाव भी शामिल हैं.
अब लिव-इन पार्टनर भी ले सकेंगे फैमिली पॉलिसी, भाई-बहन भी दायरे में, इन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने की शुरूआत
भारत के हेल्थ इन्श्योरेन्स सेक्टर में पहली बार भाई-बहनों और लिव-इन पार्टनर को एक ही रिटेल पालिसी में शामिल करने की अनुमति दी गई है. बीमा कंपनियों ने परिवार कवरेज की परिभाषा का बदलते हुए इसे आधुनिक घरेलू स्ट्रक्चर के अनुरूप बनाया है. ग्राहकों को अब अधिक लचीला और किफायती हेल्थ कवरेज मिलेगा.
अब मनमाना पैसा नहीं वसूल सकेंगी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, मेडिकल खर्च पर कंट्रोल की तैयारी में सरकार; आम लोगों को मिलेगी राहत
सरकार हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में तेजी से हो रही बढ़ोतरी को रोकने के लिए नए कदमों पर काम कर रही है. मेडिकल महंगाई बढ़ने और क्लेम सेटलमेंट में असमानता के कारण ग्राहकों पर बोझ बढ़ रहा है. इसी को सुधारने के लिए सरकार IRDAI अस्पताल समूह और बीमा कंपनियों के साथ चर्चा कर रही है. प्रीमियम सीमा कमीशन कंट्रोल और क्लेम प्रोसेस को डिजिटल बनाने जैसे सुझावों पर विचार हो रहा है ताकि ग्राहकों को राहत मिल सके.
कनाडा की कंपनी के साथ नया इंश्योरेंस बिजनेस शुरू करेगी महिंद्रा एंड महिंद्रा, 7200 करोड़ रुपये का होगा निवेश; जानें डिटेल
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने कनाडा की Manulife फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के साथ भारत में 50:50 लाइफ इंश्योरेंस जॉइंट वेंचर बनाने की घोषणा की है. इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियां मिलकर करीब 7200 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. पहले पांच वर्षों में हर कंपनी लगभग 1250 करोड़ रुपये लगाएगी.
Zero GST से हेल्थ इंश्योरेंस मार्केट में उछाल! कवरेज डिमांड 38 फीसदी बढ़ी; लोग ले रहे ₹25 लाख तक के प्लान
सरकार के जीरो जीएसटी फैसले ने हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में नई जान फूंक दी है. अब न सिर्फ महानगरों में बल्कि छोटे शहरों में भी लोग व्यापक कवरेज और हेल्थ सिक्योरिटी को लेकर सजग हो रहे हैं. पॉलिसीबाजार की रिपोर्ट बताती है कि इस टैक्स छूट ने देशभर में लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है, जिससे यह नीति एक गेम चेंजर साबित हो रही है.
इंश्योरेंस क्लेम में हो रही देरी? IRDAI ने लॉन्च किया ‘Bima Bharosa Portal’, जानें कैसे मिलेगी राहत
अगर आपका इंश्योरेंस क्लेम अटका हुआ है, रिफंड नहीं आया या पॉलिसी में गड़बड़ी हुई है, तो अब राहत की खबर है. बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) ने ग्राहकों के लिए “Bima Bharosa Portal” लॉन्च किया है, जो एक समयबद्ध और ट्रांसपेरेंट शिकायत निवारण सिस्टम है. जानें इसके बारे में.
हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर हैं कन्फ्यूज, जानें 20,40 और 60 की उम्र में लेना चाहिए कौन सा प्लान और कितना आएगा प्रीमियम
भारत में बढ़ते इलाज खर्च के कारण हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी हो गया है. कोविड-19 के बाद जागरूकता बढ़ी लेकिन लोग अब भी सही प्लान और कवरेज को लेकर उलझन में हैं. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उम्र और जरूरत के अनुसार समय-समय पर हेल्थ पॉलिसी की समीक्षा करनी चाहिए. आइये जानते हैं कि किस उम्र में कौन सा प्लान लेना चाहिए.
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