कृषि समाचार

बारिश-धूप की चिंता छोड़िए, पॉलीहाउस पर मिल रही है 50 फीसदी सब्सिडी; ऑफ-सीजन में भी होगी बंपर पैदावार

आजकल पॉलीहाउस का क्रेज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. किसान इसमें अपनी फसलें उगा रहे हैं और किसी भी ऑफ-सीजन में भी बढ़िया पैदावार ले रहे हैं. हालांकि, कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि पॉलीहाउस तो काफी महंगा होता है. यदि आप भी ऐसा सोचते हैं तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पॉलीहाउस खेती पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है.

भारत-चीन बढ़ाने जा रहे पाम ऑयल की मांग, क्या कीमत में उछाल का किसानों को मिलेगा फायदा?

भारत और चीन की तरफ से पाम ऑयल की की आक्रमक खरीद किए जाने का अनुमान है. इसकी वजह से पाम ऑयल की डिमांड में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है. हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि क्या इस मांग की वजह से कीमतें बढ़ेंगी का फायदा किसानों को मिलेगा या नहीं.

बेहतर मानसून से खरीफ फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान, खराब कीटनाशक बेचने वालों पर कसेगा शिकंजा

मानसून के कारण देश में खरीफ फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि का अनुमान है. कृषि मंत्रालय के तीसरे अनुमान के अनुसार, साल 2024-25 खरीफ सीजन में भारत का खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 168.06 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा.विकसित कृषि अभियान' के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री देश भर के किसानों से मिल रहे हैं. इस यात्रा के दौरान चौहान को उर्वरक और कीटनाशक से संबंधित शिकायत मिल रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए एक सख्त कानून बनाने की जरूरत है.

मानसून ने समय से पहले दी दस्तक, लेकिन अब घट रही बारिश की रफ्तार; क्या होगा असर

भारत में 2025 का मानसून सीजन 23 मई को शुरू हुआ, जो करीब दो दशक में सबसे जल्दी था. शुरुआती तेज बारिश के बाद अब मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है. बावजूद इसके रिजर्वायर में भरपूर पानी है और खाद्य महंगाई पर असर अभी तक मामूली रहा है.

PM Kisan: किसानों को जल्द मिलेगा पैसा, जान लें पूरी डिटेल

PM Kisan Samman Nidhi स्कीम का ऐलान 2019 में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने किया था. इसके तहत योग्य किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपये दिए जाते हैं. ये तीन किश्तें अप्रैल से जुलाई, अगस्त से नवंबर और दिसंबर से मार्च के बीच आती है. फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने […]

अपने दम पर 12 गांव वालों ने खड़ा कर दिया 3000 एकड़ का जंगल, तालाब लबालब, फसलों का उत्पादन बढ़ा

1990 के दशक में कर्नाटक के दावणगेरे, शिमोगा और हनोली जिलों के 12 गांव सूखे की चपेट में थे. एक बंजर पहाड़ी पर 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाए, जिससे 3,000 एकड़ क्षेत्र जंगल में बदल गया. वन विभाग के सहयोग से सिद्धेश्वर विलेज फॉरेस्ट कमेटी बनाई गई, जो अवैध कटाई पर जुर्माना लगाती थी. आइए जानते हैं कि कैसे जलवायु परिवर्तन की मार झेल रही दुनिया के लिए कर्नाटक के तीन जिले मिसाल बनकर उभरे.

गेहूं जमाखोरों के लिए बुरी खबर, सरकार ने स्टॉक लिमिट नियमों में किया बदलाव

केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट से जुड़े नियमों में बदलाव करते हुए व्यापारियों, रिटेलर्स, प्रोसेसर्स और बड़ी रिटेल चेन्स के लिए नई लिमिट तय की है, जो मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी. इस कदम का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, जमाखोरी पर रोक लगाना और बाजार में कीमतों को स्थिर रखना है. नई नीति के तहत स्टॉक की अधिकतम सीमा तय की गई है.

दुनिया के बुद्धा बेल्ट में बिकेगा भारत का ये खास चावल, गोरखपुर-सिद्धार्थ नगर के किसानों को सीधा फायदा

उत्तर प्रदेश का पारंपरिक काला नमक चावल अब वैश्विक बाजारों में और ज्यादा एक्सपोर्ट होगा. बुद्धा राइस के नाम से मशहूर यह चावल थाईलैंड, वियतनाम, श्रीलंका, जापान, सिंगापुर और नेपाल जैसे देशों में बेचा जाएगा. इसे खास कोटे के तहत एक्सपोर्ट किया जाएगा.

किसानों को बड़ी खुशखबरी, KCC कर्ज पर ब्याज दर में जारी रहेगी छूट, केंद्रीय कैबिनेट ने लिया फैसला

बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मौजूदा 1.5 फीसदी ब्याज अनुदान के साथ वित्त वर्ष 2025-26 के लिए MISS को जारी रखने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से सस्ती दर पर कर्ज मिलता रहेगा. समय पर कर्ज अदा करने वाले किसानों को ब्याज दर में 3 फीसदी की छूट दी जाती है. ऐसे में किसानों को 7 नहीं, बल्कि 4 फीसदी के दर से ही ब्याज चुकाना पड़ता है.

सरकार ने खरीफ फसलों पर बढ़ाई MSP, धान पर 69 और दाल पर 450 रुपये की बढ़ोतरी, जानें 14 फसलों के रेट

सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के लिए 14 प्रमुख फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित कर दिया है. यह MSP किसानों की लागत का कम से कम 1.5 गुना तय किया गया है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रामतिल (नाइजरसीड) में 820 रुपये प्रति क्विंटल हुई है. इस बढ़ोतरी के बाद सरकार का दावा है कि बाजरा, मक्का, तूर और उड़द में लागत पर 53 फीसदी से 63 फीसदी तक फायदा मिलेगा.