कृषि समाचार

फिर सातवें आसमान पर पहुंचे टमाटर के भाव, एक महीने में 26% चढ़ा, इन फैक्‍टर्स ने बिगाड़ा खेल

टमाटर की कीमतों में जबरदस्‍त उछाल देखने को मिल रहा है. थाेक में भाव बढ़ने से रिटेल मार्केट में भी टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गई हैं. इसके महंगे होने से आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है. तो क्‍या है टमाटर के महंगे होने की वजह, जानें डिटेल.

बदलती खेती के साथ बदली सिंचाई, ये हैं 5 प्रकार के इरिगेशन सिस्टम; जानें कौन सा है फायदेमंद

बदलती खेती के दौर में सही इरिगेशन सिस्टम का चयन किसानों के लिए बेहद जरूरी हो गया है. सर्फेस इरिगेशन सिस्टम जहां परंपरागत और कम लागत वाला विकल्प है, वहीं ड्रिप इरिगेशन सिस्टम कम पानी में अधिक उत्पादन देने में सहायक साबित होता है. स्प्रिंकलर इरिगेशन सिस्टम गैर समतल खेतों के लिए उपयोगी माना जाता है.

शहर से गांव तक लोकप्रिय हो रही स्ट्रोबेरी की खेती, जानिए पूरा प्लान, सही समय और बेस्ट तरीका

भारत में स्ट्रोबेरी की खेती तेजी से किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है. यह खेती कम समय में अच्छा उत्पादन और बेहतर मुनाफा देने वाली मानी जाती है. सितंबर से नवंबर के बीच रोपाई करने पर जनवरी से अप्रैल तक फल बाजार में आ जाते हैं. सही मिट्टी, उन्नत किस्म के पौधे, ड्रिप सिंचाई, प्लास्टिक मल्चिंग और संतुलित उर्वरक प्रयोग से उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.

फूड पावडर का बढ़ता ट्रेंड, किचन की बदल रही हैं आदतें; इतना बड़ा है मार्केट

फूड पावडर का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है और किचन की आदतों में बड़ा बदलाव ला रहा है. वेजिटेबल, फ्रूट, स्पाइस और हेल्थ पावडर जैसे कई विकल्प आज मार्केट में उपलब्ध हैं, जो कुकिंग को आसान बनाते हैं और पोषण वैल्यू भी बढ़ाते हैं. फूड पावडर की शेल्फ लाइफ लंबी होती है, स्टोरेज आसान होता है और इसका उपयोग होटल इंडस्ट्री से लेकर घरों तक तेजी से बढ़ रहा है.

फ्रोजन मटर कैसे बनती है? जानें खेत से फैक्टरी तक की पूरी प्रोसेस

फ्रोजन मटर कैसे बनती है, इसकी पूरी प्रोसेस खेत से फैक्टरी तक कई सटीक स्टेप्स में पूरी होती है. सबसे पहले किसानों से ताजी मटर खरीदी जाती है और उसी दिन प्रोसेस की जाती है ताकि मिठास और रंग सुरक्षित रहें. फैक्टरी में दानों की छंटाई और ग्रेडिंग के बाद मटर को ब्लान्चिंग करके एन्जाइम एक्टिविटी रोक दी जाती है.

मिट्टी से मंडी तक: ऐसे ऑर्गेनिक खेती बदल रही किसानों की कमाई; जमीन से सीधे थाली तक पहुंच रहा उत्पादन

ऑर्गेनिक खेती जमीन से लेकर बाजार तक किसानों की कमाई का नया रास्ता बना रही है. मिट्टी की सेहत को नेचुरल तरीके से मजबूत करने से लेकर देसी बीजों की वापसी, ड्रिप इरिगेशन के जरिये पानी की बचत और केमिकल इनपुट को कम करने जैसे कदम खेती को सस्टेनेबल बना रहे हैं.

कम पानी, कम खर्च और ज्यादा उत्पादन, नेचुरल फार्मिंग के ये मूल मंत्र हैं बेहद कारगर; जानें पूरी प्रक्रिया

नेचुरल फार्मिंग एक तेजी से अपनाई जा रही खेती पद्धति है, जिसमें कम पानी, कम खर्च और ज्यादा उत्पादन किसानों को बड़ा लाभ देता है. इसमें बीज उपचार के लिए बीजामृत, फसल ग्रोथ के लिए जीवामृत और कीट नियंत्रण के लिए नीमास्त्र जैसे प्राकृतिक घोल इस्तेमाल होते हैं. मल्चिंग मिट्टी की नमी बनाए रखती है और सिंचाई का खर्च घटाती है.

ड्रोन से लेकर IoT तक: एग्रीकल्चर में टेक्नोलॉजी बूम, नई तकनीकें बदल रही हैं खेती की परिभाषा

भारत में एग्रीकल्चर तेजी से बदल रहा है और किसान अब ड्रोन, IoT सेंसर और स्मार्ट इरिगेशन जैसे आधुनिक समाधानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ड्रोन मैपिंग और स्प्रेइंग को आसान बना रहे हैं, जबकि IoT सेंसर मिट्टी की नमी, तापमान और न्यूट्रिएंट्स का रियल-टाइम डेटा देते हैं. नई तकनीकें किसानों की लागत घटाकर खेती को अधिक सुरक्षित और लाभदायक बना रही हैं.

इस सीजन रबी की बुवाई तोड़ेगी पिछला रिकॉर्ड, गेहूं–दाल–तिलहनों में तेजी, सरकार बोली- उम्मीद से बेहतर परफॉर्म

इस बार रबी सीजन की शुरुआत किसानों के लिए उत्साहजनक है. क्योंकि एग्रीकल्चर सेक्रेटरी देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि कुल रबी के सीजन में बोई गई जमीन पिछले साल के लेवल 655.88 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रहने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि इस बार बारिश पर्याप्त हुई है. हालांकि कुछ इलाकों में फसल की देर से कटाई के कारण थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन इसके बावजूद प्रगति उत्साहजनक है.

PM फसल बीमा योजना का बढ़ा दायरा, जंगली जानवरों और जलजमाव से हुए नुकसान पर भी मिलेगा मुआवजा

अब जंगली जानवरों द्वारा फसलों को पहुंचाए गए नुकसान और अतिवृष्टि के कारण बाढ़ या वाटर-लॉगिंग से हुई क्षति भी बीमा कवरेज में आएगी. इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा कि वे किसानों के लिए एक खुशखबरी साझा कर रहे हैं.