HomeIndiaWhy Is It Difficult To Return To Earth Shubhanshu Shukla Shared His Space Experience Through Instagram
‘धरती पर आकर फिर से चलना सीखना पड़ा’, शुभांशु शुक्ला ने बताया अंतरिक्ष का अनुभव
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की यात्रा पूरी करने के बाद अपने अनुभव शेयर किया है. उन्होंने यह अनुभव अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टग्राम पर पोस्ट करके की. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में रहना शरीर के लिए एक बिल्कुल नया अनुभव होता है.
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की यात्रा पूरी करने के बाद अपने अनुभव शेयर किया है. उन्होंने यह अनुभव अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टग्राम पर पोस्ट करके की. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में रहना शरीर के लिए एक बिल्कुल नया अनुभव होता है, क्योंकि इंसान का शरीर हमेशा गुरुत्वाकर्षण वाले माहौल में जीता है. जबकि अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी यानी शून्य गुरुत्वाकर्षण की स्थिति में शरीर को ढलने के लिए कई बदलाव करने पड़ते हैं.
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शुभांशु शुक्ला ने कहा, “हम गुरुत्वाकर्षण में बड़े होते हैं, शरीर को इसके अलावा कुछ पता नहीं होता.” जब हम अंतरिक्ष में जाते हैं तो शरीर कई तरीकों से बदलता है. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में रहते हुए शरीर के तरल पदार्थ कम हो जाते हैं. दिल की धड़कन धीमी हो जाती है, क्योंकि उसे खून को सिर तक पहुंचाने के लिए गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती. उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, संतुलन बनाए रखने वाली प्रणाली यानी वेस्टिबुलर सेंस को भी नए वातावरण में खुद को ढालना पड़ता है. अच्छी बात यह है कि शरीर जल्दी ही इन बदलावों को अपना लेता है और अंतरिक्ष यात्री सामान्य महसूस करने लगते हैं. लेकिन असली चुनौती तब आती है जब मिशन पूरा होने के बाद हम वापस धरती पर लौटते हैं.
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शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जब हम पृथ्वी पर लौटते हैं तो शरीर को फिर से गुरुत्वाकर्षण के हिसाब से ढलना पड़ता है. इसके बाद सीधा चलना भी बड़ी चुनौती बन जाता है. ऐसे में प्रतिक्रिया समय (reaction time) घट जाता है और संतुलन बिगड़ जाता है. हालांकि यह सब लंबे समय तक नहीं चलता, यानी कुछ समय बाद शरीर फिर सामान्य हो जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि इन बदलावों को समझना बेहद जरूरी है, ताकि लंबे समय तक चलने वाले अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहतर वैज्ञानिक समाधान खोजे जा सकें. शुभांशु ने पोस्ट के अंत में लिखा, “यह मैं स्प्लैशडाउन के तुरंत बाद हूं. ऐसा लग रहा है जैसे अंतरिक्ष से लौटकर फिर से चलना सीख रहा हूं.”
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) मिशन के बाद आखिरकार अपनी पत्नी कामना शुक्ला और 6 साल के बेटे कियाश शुक्ला से मिल पाए. यह मिलन अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हुआ, जहां उनका परिवार पहले से मौजूद था.