पानी के इस्‍तेमाल के लिए किसानों से वसूला जा रहा टैक्‍स? सरकार ने दिया ये जवाब

हाल ही में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट तेजी से वायरल हुईं है. जिनमें दावा किया गया कि केंद्र सरकार खेती में पानी के इस्तेमाल पर टैक्स लगाने जा रही है. इस खबर ने किसानों के बीच चिंता और भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

केंद्र ने पानी टैक्स की अफवाह को किया खारिज

Ministry of Jal Shakti: सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें तेजी से वायरल हो रही हैं, जिनमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार खेती में पानी के उपयोग पर टैक्स लगाने जा रही है. इससे देशभर के किसानों में चिंता की लहर पैदा हो गई है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इन तमाम दावों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना न तो बनाई गई है और न ही विचाराधीन है. जल शक्ति मंत्रालय ने इस पर एक ऑफिशियल बयान जारी कर इन्हें भ्रामक और तथ्यहीन बताया है. साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि इस तरह की अफवाहें किसानों को बेवजह डराती हैं और इनके पीछे तथ्य नहीं बल्कि गलतफहमी है.

कैसे फैली गलतफहमी?

मंत्रालय के अनुसार, यह भ्रम दरअसल ‘Modernization of Command Area Development and Water Management’ (M-CADWM) योजना की गलत व्याख्या के कारण पैदा हुआ है. यह योजना ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ (PMKSY) के तहत लागू की जा रही है. जिसका मकसद सिंचाई क्षमता में सुधार, पानी का समान वितरण सुनिश्चित करना और आधुनिक तकनीकों जैसे कि प्रेशर पाइपलाइन नेटवर्क, इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइसेज और SCADA सिस्टम का इस्तेमाल कर बेहतर जल प्रबंधन सुनिश्चित करना है. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि इस योजना में किसानों से किसी प्रकार का जल उपयोग चार्ज वसूलने का कोई प्रावधान नहीं है.

PIB फैक्ट चेक ने भी बताया गलत

वहीं, सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के फैक्ट चेक अकाउंट ने भी इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया है. जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि केंद्र की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है और न ही इस तरह की कोई प्लानिंग विचाराधीन है.

पानी है राज्य सूची का विषय

इसके अलावा मंत्रालय ने बयान में यह संवैधानिक तथ्य भी उजागर किया कि खेती और पानी दोनों ही राज्य सूची के विषय हैं. यानी खेती में पानी के उपयोग पर शुल्क लगाने का अधिकार केवल राज्य सरकारों को है, न कि केंद्र को. अगर किसी राज्य में वाटर यूजर एसोसिएशन (WUAs) या दूसरे स्थानीय निकाय इस तरह का शुल्क लगाते हैं, तो वह राज्य सरकार के स्तर पर लिए गए निर्णय का हिस्सा होगा, केंद्र सरकार की ओर से नहीं.

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