हिमाचल की बारिश ने तोड़ी टमाटर की सप्लाई चेन, दिल्ली-NCR में दाम 60 रुपये पार; सब्सिडी से कीमत घटाएगी सरकार
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से टमाटर की फसल और सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचा है, जिससे दिल्ली-NCR में कीमतें 60 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई हैं. मंडियों में आवक घटी है और खुदरा बाजारों में दाम दोगुने हो गए हैं. सरकार अब टमाटर को सब्सिडी दर पर 50 रुपये से कम कीमत पर बेचने की तैयारी कर रही है.
Tomato Crisis: दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की कीमतें आम आदमी की थाली से बाहर होने लगी हैं. बीते कुछ दिनों में टमाटर के दामों ने रफ्तार पकड़ ली है और अब खुदरा बाजारों में यह 60 रुपये प्रति किलो के पार बिक रहा है. इस अचानक बढ़ोतरी के पीछे हिमाचल प्रदेश में हुई भीषण बारिश है, जिसने फसलों के साथ-साथ सड़क नेटवर्क को भी नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में टमाटर की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है. हालांकि, कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार कमर कस रही है और टमाटर को सब्सिडी रेट पर बेचने की तैयारी में है.
हिमाचल में बारिश से फसल बर्बाद
टमाटर की कीमतों में इस उछाल की सबसे बड़ी वजह हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश है. लगातार हो रही मूसलधार बारिश से वहां की तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही सड़कों के टूटने से मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा है. सरकार एनसीसीएफ यानी नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) और नाफेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Limited) के जरिए सब्सिडी वाले दाम पर टमाटर बेचने की प्लानिंग कर रही है.
दामों में 9.51% की बढ़ोतरी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 4 जुलाई को टमाटर की औसत कीमत 39.35 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई, जो एक हफ्ते पहले 35.93 रुपये थी. यानी कीमतों में 9.51 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. खुदरा बाजारों में तो स्थिति और भी गंभीर है, जहां दाम 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं.
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जल्द मिलेगी राहत
सरकार की प्लानिंग है कि टमाटर 50 रुपये प्रति किलो से कम कीमत पर बेचा जाएगा. यह काम अगले कुछ दिनों में शुरू होगा. इसके लिए सरकार दक्षिण भारत के उन इलाकों से टमाटर खरीदेगी, जहां फसल तैयार है और बारिश का असर नहीं पड़ा है. इससे दिल्ली-NCR के उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है.
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