भारत का चावल स्टॉक रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा, एक्सपोर्ट में आ सकता है 25 फीसदी का उछाल; जमकर हुई धान की खरीदारी

बढ़ते स्टॉक से दुनिया के सबसे बड़े चावल एक्सपोर्टर को शिपमेंट बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिससे थाईलैंड, वियतनाम और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्वियों की सप्लाई पर दबाव पड़ेगा. राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन को उम्मीद है कि इस साल भारत से चावल का एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले करीब 25 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 22.5 मिलियन टन हो जाएगा.

भारत का चावल स्टॉक. Image Credit: Tv9

सरकारी गोदामों में भारत के चावल का स्टॉक पिछले साल की तुलना में लगभग 12 फीसदी बढ़कर दिसंबर की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है, क्योंकि सरकारी एजेंसियों ने नई सीजन की धान की फसल की खरीद बढ़ा दी है. बढ़ते स्टॉक से दुनिया के सबसे बड़े चावल एक्सपोर्टर को शिपमेंट बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिससे थाईलैंड, वियतनाम और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्वियों की सप्लाई पर दबाव पड़ेगा.

7.61 मिलियन टन के लक्ष्य से अधिक

सरकारी डेटा के अनुसार, 1 दिसंबर तक बिना पिसे धान सहित चावल का राज्य भंडार रिकॉर्ड 57.57 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो 1 जनवरी के लिए सरकार के 7.61 मिलियन टन के लक्ष्य से कहीं अधिक है.

डेटा से पता चला कि 1 दिसंबर को गेहूं का स्टॉक 29.14 मिलियन टन था, जो पिछले साल के 20.6 मिलियन टन से अधिक है.

नई दिल्ली में एक ग्लोबल ट्रेड हाउस के डीलर ने बताया कि सरकारी एजेंसियों को किसानों से बड़ी मात्रा में खरीदारी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि खुले बाजार में कीमतें सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हैं.

व्यापारियों के पास स्टॉक

उन्होंने कहा, ‘सरकार की भारी खरीदारी के बावजूद, व्यापारियों के पास एक्सपोर्ट के लिए अभी भी काफी स्टॉक है.’ 1 अक्टूबर को मार्केटिंग साल शुरू होने के बाद से सरकार ने किसानों से 42.2 मिलियन टन धान खरीदा है.

न्यूज एजेंसी रायटर्स ने मुंबई के एक ट्रेडर के हवाले से लिखा कि अभी एक्सपोर्ट की डिमांड बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है, लेकिन कमजोर रुपया ट्रेडर्स को कॉम्पिटिटिव कीमतों पर डील करने में मदद कर रहा है.’

रुपये में गिरावट का असर

इस महीने भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिर गया, जिससे विदेशी बिक्री पर व्यापारियों का रिटर्न बढ़ गया. भारत, जिसकी ग्लोबल चावल एक्सपोर्ट में लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी है, ने पिछले मार्च में अनाज पर लगे एक्सपोर्ट प्रतिबंधों को हटा दिया था. 2025 के पहले 10 महीनों में भारत का चावल एक्सपोर्ट पिछले साल की तुलना में 37 फीसदी बढ़कर 18.49 मिलियन टन हो गया.

25 फीसदी बढ़ सकता है एक्सपोर्ट

राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन को उम्मीद है कि इस साल भारत से चावल का एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले करीब 25 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 22.5 मिलियन टन हो जाएगा. ट्रेडर ने बताया कि चावल के साथ-साथ इस साल गेहूं का स्टॉक भी अच्छे लेवल पर है, जिससे सरकार को अनाज की कीमतों को ज्यादा असरदार तरीके से मैनेज करने में मदद मिल रही है.

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