पीएम धन-धान्य कृषि योजना के लिए 24000 करोड़ रुपये की मंजूरी; किसानों को मिलेंगे ये फायदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कृषि और रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. 'पीएम धन-धान्य कृषि योजना' के तहत 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह योजना किसानों को फसल विविधीकरण, सिंचाई, स्टोरेज और कर्ज सुविधा जैसी सेवाएं देगी.

किसानों को फायदा Image Credit: FREEPIK

PM Dhan Dhanya Krishi Yojana: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक हुई. इस बैठक में एग्रीकल्चर से संबंधित बड़ा फैसला लिया गया. सरकार ने एग्रीकल्चर विकास और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की है. इसमें प्रमुख योजना ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ है, जिसके तहत 24,000 करोड़ रुपये खर्च कर 100 चुने हुए जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.

पीएम धन-धान्य कृषि योजना

केंद्रीय बजट 2025-26 में पेश की गई पीएम धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) का उद्देश्य देश के 100 कृषि-केंद्रित जिलों को विकसित करना है. इसके तहत 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन जिलों का चयन कम कृषि उत्पादकता, मध्यम फसल घनत्व और कम कर्ज सुविधा जैसे आधारों पर किया गया है. हर राज्य से कम से कम एक जिले को इस योजना में शामिल किया जाएगा.

पीएम धन-धान्य कृषि योजना के मुख्य उद्देश्य

  • कृषि उत्पादकता बढ़ाना – फसलों की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार करना.
  • फसल विविधीकरण और टिकाऊ खेती – किसानों को विविध फसलें उगाने और जैविक/प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित करना.
  • फसल कटाई के बाद की बेहतर व्यवस्था – भंडारण, प्रोसेसिंग और बाजार तक पहुंच को मजबूत करना, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके.
  • सिंचाई सुविधाओं का विस्तार – खेतों तक जल आपूर्ति के लिए नहरों, तालाबों और ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीकों को बढ़ावा देना.
  • किसानों को आसान कर्ज की सुविधा – अल्पकालिक और दीर्घकालिक कृषि लोन की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना, ताकि किसानों को खेती के लिए पूंजी मिल सके.

इस योजना पर अगले 6 वर्षों तक प्रतिवर्ष 24,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसका लाभ लगभग 1.7 करोड़ किसानों को मिलेगा. इसमें कृषि उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई सुविधाएं सुधारने, भंडारण व्यवस्था विकसित करने, किसानों को लोन प्रदान करने और टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन देने जैसे कार्य शामिल होंगे.

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कैबिनेट के अन्य फैसले

एग्रीकल्चर के अलावा कैबिनेट ने अन्य महत्वपूर्ण फैसलों को भी मंजूरी दी है. कैबिनेट ने एनटीपीसी की ग्रीन एनर्जी कंपनी NGEL में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी है. यह धनराशि सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स के विस्तार में इस्तेमाल की जाएगी.

इसके साथ ही सरकार ने एनएलसी इंडिया की ग्रीन एनर्जी कंपनी NIRL को 7,000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया है. इसमें 6,263 करोड़ रुपये की रिन्यूएबल एसेट्स NIRL को ट्रांसफर की जाएंगी और 700 करोड़ रुपये मौजूदा प्रोजेक्ट्स में लगाए जाएंगे.