Telcos Vs Dot प्राइवेट 5G स्पेक्ट्रम अलोकेशन पर छिड़ा संग्राम, सुरक्षा और राजस्व पर उठे सवाल

प्राइवेट 5G स्पेक्ट्रम अलोकेशन को लेकर टेलीकॉम कंपनीज (Telcos) और टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) के बीच जोरदार खींचतान जारी है. असल में DoT ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत प्राइवेट कंपनियों को सीधे 5G स्पेक्ट्रम अलोकेशन किया जा सकता है. इससे वे कंपनियां अपने निजी 5G नेटवर्क स्थापित कर सकती हैं. इस तरह इन कंपनियां को नीलामी प्रक्रिया में शामिल हुए बिना सीधे स्पेक्ट्रम मिल जाएगा. लेकिन, देश की तीनों बड़ी टेलीकॉम कंपनियां इसके विरोध में हैं. Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि सीधे अलोकेशन से सरकारी रेवेन्यू को भारी नुकसान होगा और बाजार में असमान प्रतिस्पर्धा पैदा होगी, क्योंकि नीलामी में वे भारी रकम खर्च करती हैं, जबकि प्राइवेट अलोकेशन के नाम पर कंपनियों को यह सुविधा सस्ते में मिल जाएगी. इसके अलावा, COAI (Cellular Operators Association of India) और टेलीकॉम कंपनियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी चिंता जताई है. उनका मानना है कि अगर प्राइवेट कंपनियों को बिना कड़े नियंत्रण के स्पेक्ट्रम दिया गया, तो नेटवर्क का इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है, जिससे साइबर सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है. वहीं, सरकार का पक्ष है कि प्राइवेट 5G नेटवर्क से इंडस्ट्री 4.0, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटल इंडिया जैसे क्षेत्रों में तेजी आएगी.