इश्यू प्राइस के नीचे यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स से मिली क्या सीख?

लगभग 50% भारतीय यूनिकॉर्न स्टार्टअप आईपीओ अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, 14 प्रमुख यूनिकॉर्न आईपीओ में से 7 अपने इश्यू प्राइस से कम पर हैं, जबकि बाकी ऊपर कारोबार कर रहे हैं, जिनमें कुछ में बड़ा मुनाफा देखने को मिला है. नीचे कारोबार करने वाले आईपीओ में अक्सर उच्च वैल्यूएशन, बाजार अस्थिरता, और कमजोर बिजनेस मॉडल जैसे कारण शामिल हैं. इसके विपरीत, ऊपर कारोबार करने वाले यूनिकॉर्न्स ने मजबूत फंडामेंटल्स और निवेशक विश्वास के दम पर बेहतर प्रदर्शन किया. कमजोर प्रदर्शन के पीछे अत्यधिक वैल्यूएशन, बाजार की अनिश्चितता, और प्रॉफिटेबिलिटी की कमी प्रमुख कारक हैं. निवेशकों के लिए सबक यह है कि यूनिकॉर्न आईपीओ में निवेश से पहले कंपनी के बिजनेस मॉडल, वित्तीय स्थिति, और बाजार परिस्थितियों का गहन विश्लेषण जरूरी है. उच्च जोखिम के बावजूद, सही चयन से बड़े रिटर्न संभव हैं. अधिक जानकारी के लिए सिमरनजीत सिंह और संदीप ग्रोवर के साथ “आई ओपनर” के इस विशेष एपिसोड को देखें.