17वें दिन तक पहुंचते-पहुंचते धुरंधर भारत की टॉप 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हो गई. खास बात यह है कि फिल्म ने कई मल्टी-स्टार और सुपरहिट फिल्मों को बहुत कम समय में पीछे छोड़ दिया. अब ट्रेड एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि धुरंधर जल्द ही 1000 करोड़ रुपये क्लब में एंट्री कर सकती है.
सरकार FASTag को सिर्फ टोल तक सीमित नहीं रखना चाहती. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय FASTag को एक मल्टीपर्पस डिजिटल पेमेंट सिस्टम बनाने की तैयारी में है. सरकार की योजना है कि आने वाले समय में FASTag से पार्किंग, पेट्रोल, EV चार्जिंग और सफर के दौरान मिलने वाली दूसरी सुविधाओं का भुगतान भी किया जा सके.
मसालों के कारोबार से जुड़ी यह जयपुर की कंपनी SME प्लेटफॉर्म पर कदम रख रही है. IPO से जुटाई जाने वाली रकम का इस्तेमाल कारोबार बढ़ाने, कर्ज चुकाने और नई तकनीक में निवेश के लिए किया जाएगा. छोटे निवेशक जानना चाहते हैं कि इस IPO में पैसा लगाना कितना फायदेमंद हो सकता है और लिस्टिंग पर कितना प्रीमियम मिल सकता है.
SEBI के नए नियम, डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर सख्ती और फीस स्ट्रक्चर में बदलाव से ब्रोकरेज कंपनियों की कमाई पर दबाव आया. नतीजा यह हुआ कि कई अच्छे ब्रोकरेज शेयर, जिन्होंने 5 साल में 30% से ज्यादा की ग्रोथ दी, आज अपने हाई से काफी नीचे ट्रेड कर रहे हैं. यही वजह है कि निवेशकों की नजर इन शेयरों पर टिकी है.
चीन की एक ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनी Zhejiang Guosheng Automotive Technology ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ी और अनोखी योजना शुरू की है. कंपनी ने ऐलान किया है कि वह अपने लंबे समय से काम कर रहे कर्मचारियों को 18 फ्लैट देगी.
Zydus Wellness सिर्फ पुराने भरोसेमंद ब्रांड्स पर ही नहीं टिकी, बल्कि नए जमाने की हेल्थ जरूरतों को भी समझ रही है. ई-कॉमर्स, क्विक कॉमर्स और विदेशों में विस्तार के साथ यह कंपनी लंबी रेस की तैयारी कर रही है. अगर आप हेल्थ-फोकस्ड FMCG कंपनियों को ट्रैक करते हैं, तो यह नाम नजरअंदाज करना मुश्किल है.
अक्सर खरीदार सिर्फ कीमत और लोकेशन देखते हैं. वे टैक्स और नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं. यहीं पर सबसे ज्यादा भ्रम होता है रेडी-टू-मूव फ्लैट लें या अंडर-कंस्ट्रक्शन. दोनों में GST, TDS और होम लोन के टैक्स फायदे बिल्कुल अलग होते हैं.
कई बार LIC जैसे बड़े संस्थान जिन कंपनियों में निवेश करते हैं, उनकी वैल्यूएशन यानी PE रेशियो अभी भी इंडस्ट्री एवरेज से नीचे होती है. इसका मतलब यह है कि बाजार ने अभी पूरी तरह उस भरोसे की कीमत नहीं लगाई है. ऐसे स्टॉक्स निवेशकों के लिए “रडार पर रखने” लायक होते हैं.
साल के आखिर में निवेशकों की नजर खासतौर पर SME सेगमेंट पर टिकी हुई है, जहां कम इश्यू साइज और हाई ग्रोथ स्टोरी के चलते कई बार लिस्टिंग पर तेज मुनाफा देखने को मिलता है. इस हफ्ते दो ऐसे SME IPO चर्चा में हैं, जिनका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) मजबूत संकेत दे रहा है.
Maruti e Vitara में 61kWh की बैटरी और करीब 174hp का फ्रंट-व्हील ड्राइव मोटर मिलने की उम्मीद है. यह कार EV होने के बावजूद अचानक झटका नहीं देती. पावर धीरे-धीरे और बहुत स्मूद तरीके से आती है. शहर की ट्रैफिक में यह बात बहुत काम आती है.