Pradyumn Thakur

प्रद्युमन ठाकुर 'मनी 9 हिंदी' में बतौर सब एडिटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और साल 2024 से इस मंच के साथ जुड़े हुए हैं. स्टॉक मार्केट एनालिसिस और विशेषज्ञों की राय को सरल व सहज भाषा में प्रस्तुत करने में उनकी विशेषज्ञता है. इसके साथ ही पर्सनल फाइनेंस, टैक्स, ऑटो और टेक जैसे विषयों पर भी उनकी समझ है. उन्होंने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से हिंदी पत्रकारिता में प्रशिक्षण प्राप्त किया है और दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री हासिल की है.

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Pradyumn Thakur

साल के आखिर में निवेशकों की नजर खासतौर पर SME सेगमेंट पर टिकी हुई है, जहां कम इश्यू साइज और हाई ग्रोथ स्टोरी के चलते कई बार लिस्टिंग पर तेज मुनाफा देखने को मिलता है. इस हफ्ते दो ऐसे SME IPO चर्चा में हैं, जिनका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) मजबूत संकेत दे रहा है.

Maruti e Vitara में 61kWh की बैटरी और करीब 174hp का फ्रंट-व्हील ड्राइव मोटर मिलने की उम्मीद है. यह कार EV होने के बावजूद अचानक झटका नहीं देती. पावर धीरे-धीरे और बहुत स्मूद तरीके से आती है. शहर की ट्रैफिक में यह बात बहुत काम आती है.

Adani Group अगले पांच वर्षों में अपने एयरपोर्ट बिजनेस में करीब ₹1 लाख करोड़ का निवेश करेगा. यह जानकारी Jeet Adani ने दी, जो Adani Airports के डायरेक्टर और उद्योगपति Gautam Adani के छोटे बेटे हैं. उनका कहना है कि भारत का एविएशन सेक्टर आने वाले 10–15 साल तक हर साल 15–16 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है.

बड़ा ऑर्डर बुक, capacity utilisation, और मैनेजमेंट का साफ रोडमैप यह संकेत देता है कि आने वाला साल अहम हो सकता है. FY26 में कंपनी पंप इंस्टॉलेशन को 40–50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है. सवाल सिर्फ एक है क्या मजबूत ऑर्डर और ग्रोथ प्लान शेयर की चाल में भी दिखेगा?

Ramamurthy Thyagarajan करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के ग्रुप के संस्थापक होने के बावजूद वे एक साधारण घर में रहते हैं और लगभग छह लाख रुपये की कार चलाते हैं. उनके लिए दौलत दिखाने की चीज नहीं, बल्कि समाज के काम आने का साधन है. यही सोच उनकी पूरी कारोबारी यात्रा में साफ दिखाई देती है.

SIF यानी स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड, म्यूचुअल फंड और वैकल्पिक निवेश फंड (AIF) के बीच की एक नई कैटेगरी है. इसमें निवेश का न्यूनतम अमाउंट ₹10 लाख रखा गया है. यानी यह छोटे निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि अमीर और अनुभवी निवेशकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

मजबूत कमाई, कर्ज-मुक्त स्थिति, अच्छे कैश फ्लो और भविष्य की साफ रणनीति के चलते Force Motors पर विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है. यही वजह है कि FIIs की हिस्सेदारी 2.71% से बढ़कर 10.27% हो गई है और आने वाले समय में भी इस शेयर पर नजर बनी रह सकती है.

निवेश में समय सबसे बड़ा हथियार है. जितनी जल्दी निवेश शुरू होता है, उतनी ही तेजी से पैसा अपने ऊपर पैसा बनाता है. इसे कंपाउंडिंग कहते हैं.निवेश देर से शुरू करने का मतलब है कि बाद में ज्यादा पैसा डालना पड़ेगा. अक्सर लोग कहते हैं, अगली सैलरी हाइक के बाद निवेश करेंगे. समस्या यह है कि सैलरी बढ़ने के साथ खर्च भी बढ़ जाता है.

बदलते वक्त के साथ कार खरीदने की सोच भी बदल गई है. आज ग्राहक सिर्फ ईंधन बचत नहीं, बल्कि सुरक्षा, फीचर्स और टेक्नोलॉजी की भी बराबर मांग कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी अब इस बदलाव को न सिर्फ समझ रही है, बल्कि उसी दिशा में कदम भी बढ़ा रही है.

दुबई एयरशो में तेजस फाइटर जेट के हादसे के बाद बाजार की धारणा अचानक बदल गई. भले ही इसे एक अलग-थलग घटना बताया गया हो, लेकिन इसका असर डिफेंस कंपनियों के शेयरों पर साफ दिखा. Hindustan Aeronautics Limited (HAL) और Bharat Electronics Limited (BEL) जैसे बड़े नाम दबाव में आ गए.