पानी से लेकर दूध कुछ भी साइबर ठग से बचा नहीं, हैदराबाद वाटर सप्लाई बोर्ड के नाम पर ठगी, ऐसे रहें सेफ
हैदराबाद में साइबर ठगों ने पानी के बिल के नाम पर नई ठगी शुरू की है. लोगों को फर्जी एसएमएस भेजकर उनसे बिल का भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है. लिंक पर क्लिक करते ही उनकी निजी और बैंकिंग जानकारी चुरा ली जाती है. सावधान रहें, किसी अंजान लिंक पर क्लिक ना करें.

Cyber fraud on water Bill: बिल का नाम सुनते ही आमतौर पर दिमाग में एक साधारण महीने का खर्च आता है. लेकिन क्या हो अगर यही बिल ठगी का जरिया बन जाए? जी हां, जालसाजों ने पानी के बिल के नाम पर ठगी का एक नया इकोसिस्टम तैयार कर लिया है. जरा सोचिए, आपके फोन पर एक मैसेज आता है, जिसमें लिखा है कि आपका पानी का बिल बकाया है और अगर तुरंत भुगतान नहीं किया तो पानी काट दिया जाएगा. घबराकर आप मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक करते हैं और पेमेंट कर देते हैं. अगले ही पल आपके हजारों रुपये गायब हो जाते हैं. यही हुआ हैदराबाद के कई लोगों के साथ. गृह मंत्रालय की वेबसाइट Cyberdost के अनुसार, साइबर ठग हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वॉटर सप्लाई एजेंसी (HMWSSB) के नाम से फर्जी बिल भेजकर लोगों को ठग रहे हैं.
संदिग्ध लिंक से हुई ठगी
साइबर ठगों ने हजारों लोगों के मोबाइल पर एक एसएमएस भेजा. इस मैसेज में लिखा था कि उनका पानी का बिल जमा नहीं हुआ है और तुरंत भुगतान ना किए जाने पर उनका पानी सप्लाई काट दिया जाएगा. मैसेज में ‘तुरंत भुगतान करें’ जैसे शब्दों से लोगों को डराया गया ताकि वे बिना सोचे-समझे जल्दी में कोई कदम उठा लें. एसएमएस में एक लिंक (Link) दिया गया था. जैसे ही लोगों ने उस लिंक पर क्लिक किया, वह एक नकली (फेक) वेबसाइट पर पहुंच गए, जो असली HMWSSB वेबसाइट जैसी ही दिखती थी. उस फर्जी वेबसाइट पर लोगों से उनका बैंक अकाउंट नंबर, कार्ड का विवरण, और नेट बैंकिंग का पासवर्ड डालने को कहा गया. फिर उसके बाद उनके अकाउंट से पानी गायब हो गए. यानी साइबर चोर के शिकार हो गए.
इस ठगी से कैसे बचें?
- लिंक पर कभी ना क्लिक करें – किसी भी अंजान नंबर से आए मैसेज में दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक ना करें. चाहे वह बिल का बकाया हो, बैंक से जुड़ा मैसेज हो या कोई ऑफर.
- ऑफिशियल ऐप या वेबसाइट use करें – अगर आपको लगता है कि आपका बिल बकाया है, तो सीधे ऑफिशियल ऐप (जैसे HMWSSB का ऐप) खोलें या उनकी असली वेबसाइट पर जाकर मैन्युअल रूप से अपना कनेक्शन नंबर डालकर चेक करें.
- OTP किसी के साथ शेयर ना करें – OTP (One Time Password) आपका सीक्रेट पासवर्ड है. इसे किसी के साथ शेयर ना करें, चाहे कोई भी व्यक्ति खुद को बैंक अधिकारी ही क्यों ना बताए. बैंक कभी भी अपने ग्राहक से OTP नहीं मांगता.
- नंबर पर करें पुष्टि – अगर मैसेज में कोई नंबर दिया गया है तो उस पर फोन करने के बजाय, बिल का बिलिंग नंबर या कस्टमर केयर नंबर Google पर सर्च करके खुद ही उन पर कॉल करके पुष्टि करें.
- डरें नहीं, सतर्क रहें – ठग आपको डराने और जल्दबाजी में कुछ करने के लिए कहते हैं. घबराएं नहीं, रुकें, सोचें और फिर कोई कदम उठाएं.
याद रखें कि कोई भी सरकारी विभाग (पानी, बिजली, गैस) पेमेंट के लिए सीधे एसएमएस में लिंक भेजकर पैसे नहीं मांगता है.
ठगी के बाद क्या करना चाहिए?
अगर आप या आपके किसी जानने वाले इस तरह के फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं, तो सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए दो मुख्य तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सीधे कॉल करके साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप cybercrime.gov.in पर जाकर भी ठगी को रिपोर्ट कर सकते हैं.
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