ऑनलाइन गेमिंग बिल को लेकर इंडस्ट्री में हड़कंप, 4 लाख कंपनियों पर खतरा; 20 हजार करोड़ के GST पर भी संकट
ऑनलाइन गेमिंग बिल को लेकर इंडस्ट्री ने चिंता जाहिर की है. ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन और अन्य संगठनों ने चेताया है कि अगर बिल मौजूदा रूप में पास होता है तो करीब 4 लाख कंपनियां और 2 लाख नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी. साथ ही 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश और हर साल मिलने वाला 20 हजार करोड़ रुपये का GST कलेक्शन भी प्रभावित होगा.

Online Gaming Bill: संसद में आज केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैश्नव ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को पेश किया और यह बिल अब संसद में पास हो गया है. बिल पास होने के बाद सरकार को गेमिंग कंपनियों पर पहले से ज्यादा कंट्रोल मिलेगा हालांकि इसको लेकर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के संगठन ऐतराज जता रहे हैं और खतरा मान रहे हैं. गेमिंग इंडस्ट्री का कहना है कि अगर यह कानून अपने मौजूदा स्वरूप में पारित हो जाता है तो लाखों कंपनियां और नौकरियां प्रभावित होंगी साथ ही सरकार को मिलने वाला GST का बड़ा हिस्सा भी खतरे में पड़ सकता है
2 लाख नौकरियों पर संकट
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन और अन्य संगठनों ने कहा है कि अगर बिल पास हुआ तो करीब 4 लाख कंपनियां और 2 लाख नौकरियां प्रभावित होंगी इससे इंडस्ट्री में असुरक्षा बढ़ेगी और कई छोटे बिजनेस बंद होने की कगार पर आ जाएंगे
25 हजार करोड रुपये का निवेश खतरे में
इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में 25 हजार करोड रुपये से ज्यादा का निवेश लगा हुआ है अगर बिल लागू हो गया तो यह निवेश डूब सकता है इससे न केवल कंपनियों बल्कि निवेशकों को भी बड़ा नुकसान होगा
20 हजार करोड रुपये का GST होगा प्रभावित
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र से सरकार को हर साल करीब 20 हजार करोड रुपये का GST मिलता है लेकिन बिल लागू होने के बाद यह रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित होगा और सरकारी खजाने को घाटा होगा
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गैरकानूनी प्लेटफार्म की ओर झुक सकते हैं गेमर्स
AIGF ने चेतावनी दी है कि अगर मौजूदा बिल पास हुआ तो करोड़ों असली गेमर्स गैरकानूनी प्लेटफार्म की ओर जा सकते हैं इससे अनियमित ऑपरेटरों को बढ़ावा मिलेगा और सरकार के लिए रेगुलेट करना और मुश्किल हो जाएगा
इंडस्ट्री ने की प्रगतिशील नियमों की मांग
गेमिंग संगठनों ने सरकार से अपील की है कि प्रतिबंध लगाने के बजाय प्रगतिशील नियम बनाए जाएं उनका कहना है कि बैन से लाखों खिलाड़ियों और कंपनियों पर असर होगा जबकि उचित नियमन से सरकार और उद्योग दोनों को फायदा हो सकता है
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